उत्तराखंड-भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ में स्थित अनाज के एक गोदाम में बड़ी दरारें पडऩे से चिंतित अधिकारियों ने यहां के खाद्यान्न भंडार को खत्म करने के लिए समय से पहले ही उसे उपभोक्ताओं में वितरित करा दिया। चमोली के जिला आपूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि जोशीमठ के सर्वाधिक प्रभावित सिंहधार वार्ड में स्थित इस सरकारी गोदाम से अब तक सैकड़ों क्विंटल राशन अग्रिम तौर पर उपभोक्ताओं को वितरित किया जा चुका है और अब यह गोदाम लगभग खाली हो गया है। उन्होंने बताया कि मार्च तक का सरकारी सस्ते गल्ले का खाद्यान्न बांटा जा चुका है। वर्ष 1972 में बने 800 मीट्रक टन क्षमता वाले इस गोदाम से न केवल जोशीमठ, बल्कि माणा घाटी के लामबगड़ और नीती घाटी के सुराईथोठा तक के शहरी व ग्रामीण इलाकों में सरकारी राशन को अनाज व्यापारियों के माध्यम से वितरित किया जाता रहा है। नीति घाटी में मलारी और माणा घाटी के बदरीनाथ में गोदाम बनने के बाद अब भी निचले क्षेत्रों के बड़े इलाके की आपूर्ति यहीं से होती थी। दो और तीन जनवरी को नगर में भूधंसाव शुरू होते ही इस गोदाम के कुछ हिस्सों में भी दरारें आ गई थीं और इसके कुछ कक्षों का उपयोग करने में दिक्कतें आने लगी थीं। अधिकारी ने बताया कि जोशीमठ के समीप गुलाबकोटी में एक खाद्यान्न गोदाम निर्माणाधीन है और विकल्प के रूप में इस गोदाम के उपयोग का प्रस्ताव विचाराधीन है। हालांकि, गुलाबकोटी तक सडक़ बनने के बाद ही इस पर विचार किया जा सकता है।जोशीमठ में डेढ़ माह पहले शुरू किए गए माउंट व्यू और मलारी का ध्वस्तीकरण अभियान पूरा हो गया है। बृहस्पतिवार को होटलों को गिराने का यह कार्य पूरा हुआ और अब इसका मलबा हटाने का कार्य शुरू हो गया है। इन दो होटलों को तोडऩे पर एक करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है।