पटना – इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने एक बीपीएससी अभ्यर्थी को थप्पड़ जड़ दिया. इस घटना के बाद से अब बवाल थमने के बजाय कहीं बढ़ न जाए इसकी चिंता शुरू हो गई है.पूरा मामला बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 2024 से जुड़ा है. यहां पटना में 36 जिलों में 900 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर इस परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस बीच पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा भवन में अभ्यर्थियों हंगामा खड़ा कर दिया.जानकारी के मुताबिक परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि उनको परीक्षा हॉल में ओएमआर शीट और क्वेश्चन पेपर काफी देर से मिला. कई अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें क्वेश्चन पेपर मिला ही नहीं.परीक्षार्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि कई अभ्यर्थियों के पास लिखा हुआ आंसर पेपर था. ऐसे में अभ्यर्थी परीक्षा को रद्द करने की मांग पर उतर आए. इस बीच एक बीपीएससी अभ्यर्थी से पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की बहस हो गई और उन्होंने जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया. बताया जा रहा है कि परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थी काफी आक्रोशित थे और जिलाधिकारी के समझाने के बावजूद शांत नहीं हो रहे थे. इस कारण चंद्रशेखर भी ताव में आ गए और उन्हें एक अभ्यर्थी को तमाचा जड़ दिया.परीक्षा को लेकर बीपीएससी अध्यक्ष का कहना है, एग्जाम हुआ है. अभी रिपोर्ट ले रहे हैं. थोड़ी देर में इस पर विस्तार से चर्चा भी की जाएगी. दरअसल, बीपीएससी की परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगाया जा रहा है और पटना के बापू धाम एग्जाम सेंटर परपरीक्षा में धांधली और पेपर लीक के आरोप में अभ्यर्थी बवाल काट रहे हैं. उनका यह भी आरोप है कि पेपर की सील पहले से खुली हुई थी और पेपर आधे घंटे की देरी से मिला. इस हंगामे के बीच पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर मौके पर पहुंचे. उनके लाख समझाने पर भी अभ्यर्थी नहीं मान रहे थे और उनका आक्रोश खत्म नहीं हो रहा था. ऐसे में डीएम चंद्रशेखर को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने एक अभ्यर्थी को जोरदार थप्पड़ जमा दिया. डीएम ने बताया कि ये हंगामा एक गलतफहमी की वजह से हुआ है. यहां अभ्यर्थियों की संख्या और एक बॉक्स में आने वाले क्वेश्चन पेपचर की संख्या के चलते भ्रम की स्थिति बन गई. अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई कि एक हॉल से दूसरे हॉल में क्वेश्चन पेपर क्यों भेजे जा रहे हैं. इसी वजह से पेपर बांटने में भी देरी हो गई. जिन्हें देरी से पेपर मिले, उन्हें अतिरिक्त समय भी दिया गया था