पटना- बिहार की राजधानी पटना के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर उस समय अचंभित रह गए, जब उन्हें पता चला कि आधी रात के बाद उनके दरवाजे पर दस्तक देने वाला युवक कोई और नहीं, बल्कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में मंगलवार को जब विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे थे,उपमुख्यमंत्री यादव यहां प्रशासनिक कार्यों को लेकर सक्रिय दिखे।यादव के पास स्वास्थ्य, पथ निर्माण और शहरी विकास जैसे प्रमुख विभाग हैं और उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर पटना नगर निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल समाप्त करने के लिए अपनी पहल को लेकर कुछ तस्वीर साझा करते हुए कहा है,कल स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के संयुक्त मोर्चा के साथ बैठक कर पटना में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने की पहल की। हमने संवेदनशीलता के साथ सफ़ाई कर्मचारियों की मांगें सुनीं। महागठबंधन सरकार सफाईकर्मियों के आर्थिक विकास को लेकर गंभीर है। सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण पिछले कुछ दिनों में शहर की सडक़ें कूड़े के ढेर में तब्दील हो गई हैं। यादव ने देर रात जिन अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया,उनमें गार्डिनर रोड और गर्दनीबाग बाग के अस्पतालों के अलावा राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल शामिल है। ट्रैक सूट और कैप पहने तथा चेहरे पर मास्क लगाए औचक निरीक्षण करने पहुंचे यादव अस्पताल परिसर के अंदर साफ-सफाई की कमी, दवाओं की सही ढंग से उपलब्धता नहीं होने और रात्रि में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की अपने कर्तव्य के प्रति स्पष्ट उदासीनता से नाराज दिखे और उन्होंने सभी खामियों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया तथा कहा,हम विभाग की समीक्षा बैठक में कार्वाई करेंगे। स्वास्थ्य विभाग राजग सरकार के शासन काल के दौरान भाजपा के पास था,जबकि बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार के कार्यकाल में यह विभाग यादव के बड़े भाई तेज प्रताप के पास था।