नई दिल्ली-खुदरा और थोक बाजारों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने राजधानी में कई शॉपिंग फेस्टिवल के आयोजन की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य इन स्थानों को पर्यटन स्थल बनाना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रोजगार पैदा करना है। शिक्षा मंत्रालय के साथ वित्त मंत्रालय का भी दायित्व संभालने वाले मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल और दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। अपने बजट भाषण में सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के उत्पाद भरोसेमंद और टिकाऊ माने जाते हैं और राजधानी में कई आधुनिक शॉपिंग मॉल होने के बावजूद तमाम लोग अब भी पारंपरिक थोक और खुदरा बाजारों से ही खरीदारी करते हैं। उन्होंने कहा कि इन परंपरागत बाजारों में खरीदारी हमारी परंपरागत संस्कृति और मूल्यों का हिस्सा है। दिल्ली में कई मशहूर बाजार हैं और हमने उनके पुनर्विकास और आधुनिकीकरण की योजना बनाई है ताकि इन्हें आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके और आने वाले वर्षों में नए रोजगार पैदा हों। सिसोदिया ने कहा कि पुनर्विकास के लिए शुरुआती तौर पर पांच बाजारों का चयन किया गया है और इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे 1.5 लाख नए रोजगारों का सृजन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि शॉपिंग फेस्टिवल चार-छह सप्ताह तक चलेंगे और दुकानदारों को इसमें छूट भी दी जाएगी। यहां पर खरीदारी के अलावा खानपान एवं मनोरंजन के भी इंतजाम होंगे। उन्होंने दिल्ली के स्थानीय जायके को बढ़ावा देने के लिए फूड ट्रक नीति लाने का भी प्रस्ताव बजट में रखा है। इसके तहत खानपान के परंपरागत व्यंजन परोसने वाले फूड ट्रक दिल्ली की सडक़ों पर शाम आठ बजे से देर रात तक लगाए जा सकेंगे।