नागपुर- सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की हत्या की जांच विशेष जांच दल एसआईटी से कराने की मांग को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा सदन में हंगामा किए जाने के कारण महाराष्ट्र विधान परिषद की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई। पुलिस के अनुसार, सालियान (28) ने मुंबई के मलाड में एक बहुमंजिला इमारत से कूद कर आठ जून, 2020 को कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। वहीं, राजपूत (34) का शव 14 जून, 2020 को मुंबई के बांद्रा स्थित उनके अपार्टमेंट में फांसी के फंदे से लटकता मिला था।भाजपा के नेताओं ने शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे पर निशाना साधते हुए सालियान हत्याकांड मामले में जांच की मांग की।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना गुट के लोकसभा सदस्य राहुल शेवाले ने सलाह दी थी कि सरकार डॉक्टरों के पर्चे के बगैर बेचे जा रहे कफ सिरप पर रोक लगाए।अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या का मामला उठाते हुए उन्होंने सवाल किया कि उनकी मृत्यु पर सीबीआई जांच की स्थिति क्या है। वह संसद में अपनी बात रख रहे थे। वहीं, भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने राज्य विधान परिषद में यही मुद्दा उठाना चाहा लेकिन, उपसभापति नीलम गोरे ने उनकी सूचना को खारिज कर दिया और कहा कि लोकसभा के मुद्दों पर इस सदन में चर्चा नहीं हो सकती है। मैं ऐसे गैर-महत्वपूर्ण मुद्दों पर यहां चर्चा की अनुमति नहीं दूंगी। लेकिन, उनकी इस टिप्पणी से भाजपा के विधानपार्षद नाराज हो गए और मामले की एसआईटी जांच की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। गोरे ने इस पर सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर शुरू होने पर हंगामा जारी रहने के कारण उन्होंने इसे फिर से एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया।सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर भाजपा के सदस्यों ने एसआईटी जांच की अपनी मांग उठानी जारी रखी। इसपर गोरे ने दोपहर करीब 2:25 बजे सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। कुछ देर बाद इसी मुद्दे पर फिर से सदन की कार्यवाही स्थगित हुई। इसबीच, राज्य के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अनुरुप लोकायुक्त विधेयक को सदन में रखा। इसका लक्ष्य मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को इस कानून के तहत लाना है।इससे पहले दिन में भाजपा सदस्य गोपीचंद पदाल्कर की टिप्पणी के खिलाफ विपक्ष के प्रदर्शन को लेकर परिषद की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी। संतरे की फसल को हुए नुकसान पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विपक्ष का एक सदस्य इसपर बोलने के लिए खड़ा हुआ। लेकिन, एमएलसी पदाल्कर ने उन्हें मराठी में कहा, तु खाली बस तुम बैठ जाओ इससे नाराज होकर सदन में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे, विधान परिषद सदस्य अनिल परद, मनीषा कयान्दे और अन्य आसन के समक्ष आ गए और प्रदर्शन करने लगे, जिसे लेकर कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।