जयपुर- राजस्थान की एक स्थानीय अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म और उसकी हत्या किए जाने के मामले में दो अभियुक्तों को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अदालत के इस फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे अपराधों में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि बूंदी की विशिष्ट न्यायाधीश पोक्सो अदालत ने बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में दोषसिद्ध अपराधी सुल्तान और छोटूलाल को फांसी की सजा सुनाई। लाठर ने बताया कि पुलिस बालिकाओं व महिलाओं पर होने वाले अपराधों को लेकर संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अपराधियों की पहचान, गिरफ्तारी और साक्ष्य एकत्रित कर केस ऑफिसर स्कीम के तहत अपराधियों को सजा दिलाने की पुख्ता कार्वाई की जा रही है। इस मामले में अदालत ने 11 कार्यदिवस में ही अभियुक्तों को सजा सुनाई है। बूंदी के पुलिस अधीक्षक जय यादव ने यहां एक बयान में बताया कि 23 दिसंबर 2021 को बसोली थाना क्षेत्र के घने जंगलों में एक नाबालिग की निर्वस्त्र लाश मिली थी। पुलिस की 200 से अधिक जवानों की टीम ने 12 घंटे में ही अपराधियों को पकड़ लिया, जिन्होंने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार किया। पुलिस ने तीन कार्य दिवस में पॉक्सो अदालत में चालान पेश किया और जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया। अदालत ने सुल्तान 27 व छोटूलाल 62 को मात्र 11 कार्यदिवस में ही मृत्युदंड की सजा सुनाई। वहीं इस मामले में तीसरे नाबालिग आरोपी को किशोर सुधार गृह भेजा गया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में पॉक्सो एक्ट का पहला मामला है, जिसमें दो दोषियों को एकसाथ फांसी की सजा सुनाई गई है। गहलोत ने कहा, हर राज्य से ऐसी खबरें लगातार आती रहती हैं जो पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। इसको ध्यान में रखकर हमने राज्य में कई नवाचार किए। इन सभी नवाचारों के कारण आज प्रदेश में हर पीड़िता को न्याय सुनिश्चित हो पा रहा है।उन्होंने कहा-हमारी सरकार आने के बाद पॉक्सो एक्ट के मामलों में आठ दोषियों को फांसी, 137 से अधिक लोगों को आजीवन कारावास समेत कुल 620 से अधिक दोषियों को सजा सुनाई गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। महिला अपराधों के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा एवं अदालत के माध्यम से इनको अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।