नई दिल्ली- दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन के नेतृत्व में चल रही दिल्ली की आंगनवाड़ी कर्मियों की हड़ताल बुधवार को 24वें दिन भी जारी रही। इस दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने हड़ताल स्थल का दौरा कर हड़तालियों का हाल जाना।यूनियन अध्यक्षा शिवानी ने महिला आयोग को बताया कि किस तरह से दिल्ली और केंद्र सरकार आंगनवाड़ीकर्मियों के जायज, न्यायसंगत और संवैधानिक हकों को कुचलने में लगी हुई है। दिल्ली पुलिस के महिला विरोधी रवैये के बारे में भी उन्हें विस्तार से बताया गया। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार और एमसीडी ने महिलाकर्मियों के लिए शौचालय और पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं की है। इसके चलते महिलाकर्मियों को साफ-सफाई यानी हाइजीन से जुड़ी बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनता की सेवा करने की ढिंढोरची पुलिस ने आंगनवाड़ीकर्मियों के द्वारा निकाली गई 11 फरवरी की चेतावनी रैली का दमन किया और यूनियन की संपत्ति पर कब्जा मारकर बैठ गयी। दिल्ली पुलिस यूनियन के सामान के कोर्ट के रास्ते से छूटने में भी तमाम अड़ंगे डाल रही है। शिवानी ने हड़ताली महिलाओं को बस में नहीं बैठाने, उनके साथ सहयोग न करने के लिए डीटीसी बसों के कंडक्टरों और ड्राइवरों के आपराधिक रवैये के बारे में भी महिला आयोग की सदस्याओं को बताया। वहीं, यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नोटिस भेजकर आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों को प्रताडि़त करने के खिलाफ 24 तारीख को महिला एवं बाल विकास विभाग के गेट पर भी एक प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगाइसके अलावा हालिया घटनाक्रम को लेकर यूनियन द्वारा 25 फरवरी को दोपहर 1 बजे धरनास्थल पर ही पुन: एक प्रेस वार्ता बुलाई जा रही है।