नई दिल्ली – मिनिमली इनवेसिव लीवर सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के तहत, धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल, दिल्ली में एक दुर्लभ और कॉम्प्लेक्स रोबोटिक हेपेटेक्टॉमी सफलतापूर्वक की गई। इस प्रक्रिया में लीवर के लेफ्ट लैटरल सेगमेंट को निकाला गया, जिसे डा विंची रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम की मदद से किया गया, जो उन्नत सर्जिकल तकनीक की प्रिसिशन और मरीज की रिकवरी के फायदे उजागर करता है। मरीज, सुश्री नंदा देवी, 59 वर्षीय उत्तराखंड निवासी, का लीवर के बाएँ लोब में कॉम्प्लेक्स सिस्टिक लीश़न का उपचार हुआ। लीश़न के नजदीक महत्वपूर्ण ब्लड वेसल्स और बाइल डक्ट्स के कारण यह केस सर्जिकल रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण था। सर्जरी का नेतृत्व डॉ. कपिल कुमार कुर्सीवाल, सीनियर कंसल्टेन्ट जी आई सर्जरी एंव ऑन्कोलॉजी, बैरिएट्रिक और मिनिमल एक्सेस सर्जरी ने किया, जो अस्पताल की समर्पित मल्टीडिसिप्लिनरी टीम के सहयोग से हुई।रोबोटिक हेपेटेक्टॉमी लगभग कुछ घंटों तक चली। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में, इस सर्जरी में बेहतर प्रिसिशन के कारण रोबोटिक सहायता चुनी गई, खासकर मेजर वेसल्स और बाइल डक्ट्स के पास सावधानीपूर्वक डिसेक्शन के लिए। डा विंची सिस्टम ने टीम को उन्नत निपुणता, विज़ुअलाइज़ेशन और कंट्रोल के साथ ऑपरेट करने में सक्षम बनाया, जिससे ब्लड लॉस और ऑपरेटिव जोखिम कम हुआ तथा मरीज को कम ट्रॉमा पहुँचा।“रोबोटिक हेपेटेक्टॉमी एक्स्ट्राऑर्डिनरी सर्जिकल एक्यूरेसी की मांग करता है, खासकर जब लीश़न महत्वपूर्ण स्ट्रक्चर्स के पास हो। यह केस दिखाता है कि तकनीक हाई-रिस्क सर्जरियों में परिणामों को कैसे बेहतर बनाती है, जिससे, कष्ट और जटिलताएँ कम, और तेजी से रिकवरी होती हैं,” डॉ. कपिल ने कहा। इस केस को विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण बनाने वाले कारण थे कॉम्प्लेक्स एनाटोमी जिसमें सेगमेंट 2 और 3 में सिस्टिक लीश़न था, जो महत्वपूर्ण वास्कुलर संरचनाओं के समीप था, और साथ ही सुरक्षित मार्जिन सुनिश्चित करना था ताकि जरूरी लीवर टिशू को नुकसान न पहुँचे। रोबोटिक सर्जरी इसलिए चुनी गई क्योंकि इसके कुछ लाभ हैं इसमें लीवर एनेटोमी की सुपीरियर थ्री-डायमेंशनल विज़ुअलाइज़ेशन, ट्रेमर-फ्री, मिनिमाइज़्ड सर्जिकल ट्रॉमा, जिससे ब्लड लॉस में कमी और हाई-रिस्क जोन्स में सेफ़्टी बढ़ती है।पहले पोस्टऑपरेटिव दिन, सुश्री देवी आराम से बैठ पाईं और हिल-डुल सकीं। उन्होंने कहा, जब पहली बार पता चला कि मुझे लीवर सर्जरी करानी है, तो चिंता हुई, लेकिन डॉक्टरों ने सब कुछ बहुत कुशलता से ऑपरेशन किया और जितनी जल्दी मेरी रिकवरी शुरू हुई, उससे मुझे बहुत आश्वासन मिला। अस्पताल की टीम इस तेज़ रिकवरी का श्रेय रोबोटिक सर्जरी को देती है, जिसमें कम पोस्टऑपरेटिव कष्ट और तेज़ रिहैबिलिटेशन शामिल हैं।

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