नई दिल्ली- गुरू पूर्णिमा महामहोत्सव एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुष्ठान है। इस अवसर पर कल्प गुरू भगवान दत्तात्रेय एवं वेदव्यास भगवान का सहस्त्रार्चन एवं पूजन कर हम उनसे हमारे जीवन में गुरू तत्व के प्रकाश की प्रार्थना करें तो गोसेवा के माध्यम हमारा जीवन प्रकाशित हो जायेगा।’ यह उद्गार श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक परम श्रद्धेय गोऋषि स्वामी श्री दत्तशरणानंद जी महाराज ने वेदलक्षणा गोचेतना चातुर्मास मंगल महोत्सव के तहत आयोजित गुरू पूर्णिमा महा महोत्सव के अवसर पर व्यक्त किये।
संगठन के चेयरमैन श्री राकेश बिंदल, अध्यक्ष श्री वीरेंद्र कुमार गर्ग और केंद्रीय सचिव श्री आलोक सिंघल ने बताया कि 11 से 17 जुलाई तक श्री राधाकृष्ण जी महाराज के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन होगा। 24 से 30 जुलाई तक श्री गोपालनंदजी सरस्वती के श्रीमुख से श्री गोकृपा कथा का आयोजन किया जायेगा। इसके साथ ही 6 से 12 अगस्त तक श्री विट्ठलकृष्ण जी के मुखारविंद से श्री शिवमहापुराण कथा सुनाई जायेगी।महोत्सव के दौरान 21 से 29 अगस्त तक श्री राम कथा, 1 से 3 सितंबर तक भक्तमाल कथा, 9 से 13 सितंबर तक श्री हनुमंत चरित्र मानस सुंदर कांड कथा और 24 से 28 सितंबर तक श्री गोभक्तमाल कथा का आयोजन किया जायेगा।इस अवसर पर पूज्य गोवत्स राधाकृष्ण जी महाराज, महंत श्री बलदेवदास, मुकुंद प्रकाश, गोवत्स विट्ठलकृष्ण, योगेशदास सहित संत एवं श्री डूंगरसिंह लुधियाना, एसएन बंसल, मनोज अग्रवाल, राजपुरोहित, केवलाराम, प्रवीण कुमार, नरेश गोयल, हरीओम तायल, यशपाल गुप्ता, संजय गर्ग, आलोक जगवायन, ओम िंसह, विशन सिंह, नरपत सिंह, श्रवण सिंह सहित सैकड़ों गणमान्य गोभक्त उपस्थित रहे।