नई दिल्ली- महापौर श्याम सुन्दर अग्रवाल ने कहा है कि पूर्वी दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है लेकिन विभागीय स्तर पर जो तेजी आनी चाहिए उस तेजी का अभाव है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन काफी संख्या में दूरभाष के माध्यम से अतिक्रमण के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही है। अवैध निर्माण और अतिक्रमण के कारण लोग काफी परेशान हैं। लोगों ने अपने मकान को सडक़ों तक बढ़ाकर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। निगम के सभी स्कूलों और समुदाय भवनों के बाहर अवैध कब्जे हो चुके हैं जिसके कारण वहां से आने-जाने वालों का निकलना मुश्किल हो गया है। कई सडक़ों पर हमेशा जाम लगा रहता है जिससे लोगों का ईंधन और समय दोनों बर्बाद होता है। यदि कोई एम्बुलेंस जाम में फंस जाए तो स्थिति और खराब हो जाती है। दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग जाम में फंसनेे के कारण दम तोड़ चुके हैं। महापौर ने कहा कि इसका स्थायी हल निकालने के लिए मुख्य सडक़ों से अतिक्रमण हटाना बहुत आवश्यक है। इसलिए इस काम में तेजी लायी जाने की आवश्यकता को देखते उन्होंने निगमायुक्त और अपर आयुक्त को पत्र लिखकर निरीक्षण न करके सीधा एक्षन में आने के लिए कहा है। महापौर ने कहा है कि हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों को मालूम होता है कि कहां-कहां पर अतिक्रमण है। उनकी जानकारी के बिना कोई भी काम नहीं होता। जब एक्शन होना होता है तो निगम कर्मचारी या अन्य स्रोतों से अतिक्रमण करने वालों को जानकारी हो जाती है और वहां से उस समय अतिक्रमण हटा लिया जाता है जिससे निरीक्षण का महत्व समाप्त हो जाता है। अत: उन्होंने निगमायुक्त और अपर आयुक्त को सभी अतिक्रमण वाले सडक़ों पर तेजी से एक्शन लेने और उन्हें स्थायी रूप से अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सख्ती से निर्देश देते हुए कहा कि यह प्रक्रिया निरन्तर जारी रहनी चाहिए।