दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत खोले जा रहे अवैध शराब के ठेका
नई दिल्ली। दक्षिणी निगम दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत खोले जा रहे अवैध शराब के ठेकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करेगा।
यह बात महापौर मुकेश सुर्यान ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा अवैध ठेकों पर कार्रवाई करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है और निगम अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे उन ठेकों के विरूद्ध कार्रवाई करे जो दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के नियमों व अन्य जरूरी मापदंड़ों का पालन नही कर रहे है। सभी जोन में ऐसे ठेकों का निरीक्षण किया जा रहा है, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे है। उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घर-घर पानी पहुंचाने के वादा किया था, लेकिन अब अपना राजस्व बढ़ाने के लिए रिहायशी, ग्रामीण क्षेत्रों,अनाधिकृत कॉलोनियों,यहां तक कि विद्यालयों व मंदिरों के पास भी शराब के ठेके खोले जा रहे है। केजरीवाल सरकार एक तरफ तो पंजाब को नशा मुक्त करने के वादे करती है वही दूसरी तरफ दिल्ली के युवाओं को शराब की ओर धकेल रही है। स्थायी समिति के अध्यक्ष कर्नल बीके ओबरॉय ने कहा कि दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के दिशा-निर्देशों के अनुसार नॉन कन्फर्मिंग एरिया में शराब के ठेके नही खोले जा सकते लेकिन दिल्ली सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए दिल्ली की जनता को गुमराह कर रही है। दिल्ली में पहले 264 ठेके थे, जोकि अब बढक़र 865 हो गए है। उन्होंने बताया कि रिहायशी क्षेत्रों में इन ठेकों के खुल जाने से कानून व्यवस्था भी बाधित होगी। इसलिए हम दिल्ली सरकार की इस नई आबकारी नीति का पुरजोर विरोध करते है। नेता सदन इन्द्रजीत सहरावत ने कहा कि दिल्ली सरकार रामलीला मैदान से किए गए अपने वादों को भूल गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ये वादा किया था कि कोई भी नया कार्य करने से पहले मोहल्ला सभा से विचार विमर्श किया जाएगा। लेकिन इस नई आबकारी नीति के बारे में न तो महिलाओं और न ही मोहल्ला सभा से राय ली गई है। उन्होंने कहा कि इस आबकारी नीति के तहत महिलाओ के लिए भी पिंक शराब ठेके भी खोले जा रहे है, जोकि हमारी भारतीय संस्कृति के साथ खिलवाड़ है।