नई दिल्ली- पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपने कर्मचारियों को पिछले पांच माह से वेतन नहीं दे पा रहा है जिसकी एक बड़ी वजह दिल्ली सरकार है। इसके कारण निगम के डॉक्टर्स, नर्सों, शिक्षक, सफाईकर्मियों व अन्य कर्मचारियों को भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। यह बात पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुन्दर अग्रवाल के कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार में संवेदनशीलता नाम की कोई चीज बची नहीं है। हमारे कर्मचारी अपने मकान,गाड़ी की ईएमआई नहीं दे पा रहे हैं जिसके कारण उन्हें फाईनेंस कम्पनी से लगातार नोटिस आ रहे हैं। हमारे कर्मचारियों के घर में चुल्हा जलना बंद हो गया है, दुकानदारों ने राशन उधार देना बंद कर दिया है लेकिन दिल्ली सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। दिल्ली सरकार असंवेदनशील हो चुकी है और चाहती है कि दिल्ली नगर निगम में कार्य करने वाले कर्मचारी भूखे मरें, उनकी ईएमआई न देने के कारण उनके घर व गाडिय़ां छिन जाएं। महापौर ने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकारी लगातार दिल्ली सरकार को पत्र के माध्यम से सूचित कर रहे हैं लेकिन वे हमारा पिछला बकाया नहीं दे रहे हैं। इसमें बीटीए का 216.२0 करोड़, यूडी का 47.25 करोड़, स्वास्थ्य का 19.45 करोड़, शिक्षा का 90.25 करोड़, कुल मिलाकर 373.16 करोड़ रूपये की पहली किश्त दिल्ली सरकार को देनी है जोकि अप्रैल के पहले सप्ताह में आ जानी चाहिए थी लेकिन दिल्ली में असंवेदनशील सरकार चुने जाने के कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री जानबूझकर फाईलों को लटकाने में लगे हैं।