नई दिल्ली- फायरमैन ही वह व्यक्ति होता है जो सीधे सीधे आग से जूझता है। फायरमैन की टीम हर फायर स्टेशन में तैनात होती है। स्टेशन ऑफिसर, किसी भी फायर स्टेशन का प्रमुख स्टेशन ऑफिसर होता है जो न सिर्फ फायर स्टेशन की टीम को लीड करता है बल्कि इस बात की पूरी जानकारी रखता है कि उसकी जिम्मेदारी के दायरे में आने वाले इलाके में किस तरह की इमारते हैं, फैक्ट्रियां हैं, रिहाइशी इलाका है जहां आग लग सकती है। असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर, पूरे राज्य को अलग अलग डिविजनों में बांटा जाता है और हर डिविजन की जिम्मेदारी असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर की होती है जो कार्य और इलाके के फैलाव के हिसाब से कई हो सकते हैं। इलाके में बनने वाली इमारतों में आग बुझाने के इंतजामात सही हैं या नहीं यह देखने सुनने की जिम्मेदारी इन्हीं की होती है। डिविजनल ऑफिसर, डिविजअक्सर कहा जाता है कि आग से मत खेलो, जल जाओगे। लेकिन आग से खेलना करियर के लिए ठंडक जरूर दे सकता है। इस बात का दावा तो कोई नहीं कर सकता कि आग लगेगी या नहीं। आग नहीं लगी तो कोई संकट नहीं लेकिन लग गई तो उसे बुझाने के लिए ऐसा आदमी या ऐसी टीम चाहिए जो आग की किस्म, आग लगने के कारण, आग बुझाने के तरीके, आग बुझाने के सामान, और आग में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के हुनर की जानकारी रखती हो। जाहिर है यह ऐसी जानकारी नहीं है जिसे यूंही पूछकर या पढ़कर जान लिया जाए। इसकी पढ़ाई भी होती हे और इसका प्रशिक्षण भी दिया जाता है। ऐसे में जो लोग चाहते हैं आग से खेलते हुए करियर की बुलंदी तक पहुंचना वे डिप्लोमा करके पदों तक पहुंच सकते हैं। लीडिंग फायरमैन, फायरमैन बनने के बाद विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर लीडिंग फायरमैनल ऑफसिर की जिम्मेदारी भी वही होती है जो असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर की होती है और तीन असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर पर एक डिविजनल ऑफिसर होता है। डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर, पूरे फायर डिपार्टमेंट के समन्वय, कार्य, क्षेत्र विभाजन व अन्य प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ यह सुनिश्चित करना कि पूरा फायर डिपार्टमेंट हर परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम है, डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर जैसा अधिकारी ही देखता है। चीफ फायर ऑफिसर, पूरे फायर डिपार्टमेंट का चीफ फायर ऑफिसर बॉस होता है। जिसकी निगरानी, निर्देश, समन्वय और प्रेरणा से विभाग चलता है। पूरे राज्य में आग लगने की घटनाएं कम से कम हों और आग लगने पर उससे किस तरह पूरी तैयारी के साथ निपटना है चीफ फ फायर ऑफिसर की लीडरशिप तय करती है। अवसरों की भरमार, दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग www.dcfse.com के डायरेक्टर जेड. एस. लाकड़ा के मुताबिक इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं है फायर इंजीनियर की जरूरत अग्निशमन विभाग के अलावा आर्किटेक्चर और बिलिंडग निर्माण, इंश्योरेंस एसेसमेंट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, रिफाइनरी, गैस फैक्ट्री, निर्माण उद्योग, प्लास्टिक, एलपीजी तथा केमिकल्स प्लांट, बहुमंजिली इमारतों व एयरपोर्ट हर जगह इनकी खासी डिमांड है।