मुख्य कलाकार
छोटा भीम : यज्ञ भसीन
गुरु शंभू : अनुपम खेर
स्कंदी : मकरंद देशपांडे
चुटकी : आश्रिया मिश्रा
कालिया : कबीर साजिद
गुलाब चाचा : मुकेश छाबड़ा
तक्षिका : नवनीत कौर ढिल्लों
चूरन सिंह : शाजी चौधरी
निर्देशक: राजीव चिलका
लेखक: नीरज विक्रम, श्रीदिशा दिलीप
डीओपी: सूर्या
निर्माता: राजीव चिलका, मेघा चिलका
सह-निर्माता: श्रीनिवास चिलकापुडी, भरत लक्ष्मीपति
कार्यकारी निर्माता: अक्षिता अक्की
संगीत निर्देशक: राघव सच्चर
नृत्यनिर्देशन: विजय बिनी
कास्टिंग निर्देशक: मुकेश छाबड़ा
फिल्म संपादक: जुनैद सिद्दीकी
फिल्म कहानी:
फिल्म छोटा भीम एंड द कर्स ऑफ दमयान की कहानी सस्पेन्स, थ्रिल और एक्ससाइटमेंट से भरी हुई है। फिल्म कार्टून छोटा भीम की ही सीरीज आधार पर बनाई गई है। कहानी की शरुवात में ही सस्पेन्स का भंडार है एक रहस्यमयी आवाज को सुनकर कुछ सांप एक अंधेरे कक्ष में प्रवेश करते हैं जिसमें दो सांप एक आदमी और एक औरत के रूप में बदल जातें है। नाग स्कन्धी की भूमिका मकरंद देशपांडे ने निभाई है और नागिन तक्षिका के रूप में नवनीत कौर है। सुमित केशरी मुख्य नेगेटिव किरदार दमयान कि भूमिका कर रहे हैं। दोनों साँप एक रहस्यमयी तहखाने में आकर जब इंसानी रूप लेते हैं तब उन्हें ज्ञात होता है कि नागपुरुष दमयान अब हजारों सालों की कैद के बाद आजाद होने वाला है लेकिन उसे बाहर केवल एक निष्पाप निष्कलंक महान योद्धा ही निकाल सकता है। इसी योद्धा की तलाश में स्कन्धी और तक्षिका ढोलकपुर की ओर निकल जाते हैं। इधर दूसरे ही दृश्य में छोटा भीम (यज्ञ भसीन) धूनी बाबा की सहायता के लिए तैनात है जहाँ वह भेड़ियों के आक्रमणों से धूनी बाबा के तप को टूटने से रोकता है जहाँ वह सफल होता है और वापस ढोलक पुर आ जाता हैं। ढोलकपुर वासी छोटा भीम का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि पहलवान चूरन सिंह (साजी चौधरी) ने अपने ताकत के घमंड में राजा इन्द्रवदन को चुनौती दे रखी है दूसरी ओर तक्षिका और स्कन्धी भी राजा को अपने साजिश में फंसा रहे हैं। छोटा भीम पहलवान चूरन सिंह को हरा देता है मगर तक्षिका और स्कन्धी के षड़यंत्र का शिकार बन जाता है। कहानी के हर दृश्य में एक अलग रहस्य छुपा हुआ है। स्कन्धी और तक्षिका के षड़यंत्र में आकर छोटा भीम और उसके साथी दमयान को बाहर निकाल देते हैं और दमयान का कहर बरसने लगता है छोटा भीम और उसके साथी इस मुसीबत से बचने का मार्ग ढूंढते हैं जहाँ उनकी मुलाकात जादूगर गुरु शम्भू (अनुपम खेर) से होती हैं और यहीं से कहानी में नए नए ट्यूस्ट और टर्न आते हैं। दमयान और छोटा भीम के बीच का संघर्ष उत्साह भरा है जिसका आंनद फिल्म देखने पर ही प्राप्त होगा। पटकथा और अभिनय फिल्म की कहानी बच्चों के हिसाब से ही लिखी गयी है संवाद भी अच्छे हैं। हिंदी के शुद्ध वाक्यों का प्रयोग संवाद मि किया गया है। सभी पात्रों का चयन भी कार्टून फिल्म छोटा भीम के पात्रों के तर्ज पर ही चयन कर लिया गया है जो कार्टून फिल्म के पात्रों से पूरी तरह मिलते हैं। सभी ने अच्छा काम किया है छोटा भीम और कालिया का अभिनय बेहतर है। कालिया की भूमिका में कबीर साजिद शेख हैं जिनके अभिनय और संवाद व्यंग्यात्मक है जिससे हास्य रस फिल्म में बिखरता है। जिससे दर्शक बंधे रहते हैं। मकरंद देशपांडे और अनुपम खेर अपने अभिनय में खरे उतरे हैं, इनका अधिक उपयोग किया जा सकता था। निर्देशन और एनिमेशन:निर्देशक ने छोटा भीम की टीम का बेहद अच्छे ढंग से प्रयोग किया है। फिल्मांकन बहुत अच्छा है और एनिमेशन का फिल्म में भरपूर प्रयोग किया गया है। फिल्म के दृश्य बेहद आकर्षक हैं। फिल्म के गाने भी कहानी को रफ्तार देते हैं। समीक्षा:
फिल्म पूर्ण रूप से बच्चों को ही ध्यान में रखकर लिखा गया। गाने साधारण है। छोटा भीम कार्टून शो की भाँति ही फिल्म के कैरेक्टर्स और कहानी की शुद्धता को बनाये रखने का निर्देशक ने प्रयास किया है। एनिमेशन में अधिक काम करने की आवश्यकता है वर्तमान एडवांस टेक्नोलॉजी के आगे यह कहीं कहीं कमजोर लग रहा है। यह एक फैमिली,रहस्य और रोमांच से भरी फिल्म है जो छोटा भीम के दीवानों को पसंद आएगी। फिल्म में बच्चों को पसंद आने वाले सारे फैक्ट जैसे जादू, भव्य दृश्य, बात करते जानवर, उड़ने वाली कालीन, मारधाड़, मनोरंजन और बहुत चीजें है। अब मौका है इस गर्मी माता पिता घर से निकलकर बच्चों के लिए थिएटर तक जायें। आज भारत में हजारों फिल्म बनती हैं मगर बच्चों के लिए बेहद कम फिल्में ही बनती है जो थिएटर पर रिलीज हो पाती है। फिल्म को साढ़े तीन स्टार मिलते हैं क्योंकि यह बच्चों के लिए बनाई गई साफ सुथरी और संदेशपरक मनोरंजक फिल्म है।
पेरेंट्स अपने बच्चों को मनोरंजन की दुनिया में सैर कराने के लिए सिनेमाघरों में यह फिल्म दिखा सकते हैं।