बेंगलुरू – ग्लेनईगल्स बीजीएस अस्पताल के द्विपक्षीय फेफडे के प्रत्यारोपण के बाद एक मरीज की सेहत में सुधार देखकर जल्दी डिस्चार्ज दिया गया हैं। थोरैसिक सर्जरी मरीज के लिए एक अत्याधुनिक इलाज साबित हो रहा हैं। इंटरस्टिशियल लंग फ्राइब्रोसिस से पिडित 62 वर्षीय आनंद कुमार पिछले कुछ महिनों से ऑक्सिजन पर थे। उन्हें चलते और दैनिक गतिविधियां करते समय सांस लेने में तकलीफ होती थी। छाती में संक्रमण के कारण एक महिने में उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती किया गया था। मरीज का फेफडे प्रत्यारोपण करने की जरूरत थी। इसलिए वह कई महिनों से अंगदान के लिए प्रतिक्षा कर रहे थे। सौभाग्य, से समय रहते एक ब्रेनडेड मरीज का फेफडा मिला। तुरंत उनकी फेफडे की प्रत्यारोपण सर्जरी कराई गई। प्रत्यारोपण के बाद मरीज कुछ ही दिन में ठिक हो गया। मरीज की सेहत में सुधार देखकर डॉक्टरों ने उसे सर्जरी के 14 दिन बाद ही डिस्चार्ज किया गया है। ग्लेनईगल्स बीजीएस अस्पताल के हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट प्रोग्राम डायरेक्टर, एचओडी डॉ. अपार जिंदल के मार्गदर्शन यह प्रत्यारोपण सफलता पूर्वक किया गया। उन्होंने कहॉं की,मरीजों का तुरंत इलाज करना और उन्हें नई जिंदगी देना हमारा मुख्य उद्देश हैं। ग्लेनईगल्स बीजीएस अस्पताल के निदेशक, एचओडी कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) और हार्ट लंग ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. बालासुब्रमणि गोविनी ने कहॉं की, मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज करके उन्हे जल्दी डिस्चार्ज देना हमारा मुख्य उद्देश हैं।डॉ शुभम शर्मा, ट्रांसप्लांट पल्मोनोलॉजिस्ट और डॉ मंजूनाथ पी.एच., इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट की विशेषज्ञता और समर्पण का अभिन्न अंग था। बेंगलुरू स्थित ग्लेनईगल्स अस्पताल के क्लस्टर सीईओ बीजू नायर ने कहॉं की, प्रत्यारोपण सर्जरी के लिए प्रतीक्षा करने वाले मरीजों की जान बचाने के लिए अंगदान करना जरूरी हैं। और अंगदान के लिए लोगों में इसके महत्त्व के बारे में जागरूकता निर्माण करना आवश्यक हैं।