पुणे – अगर जूता फिट आता है तो पहनें। लेकिन बच्चों के मामले में यह बात लागू नहीं होती है,क्योंकि बच्चों को अक्सर ऐसे जूते पहनाए जाते हैं जो उनके पैर के साइज से एक या दो नंबर बड़े होते हैं। बचपन के दोस्त सत्यजीत मित्तल और कृतिका लाल ने इस समस्या के लिए कुछ करने की ठानी और बच्चों और उनके जूतों के संबंध में प्रारंभिक रिसर्च की। उन्होंने पाया कि 0 से 3 साल की उम्र के बच्चे का साइज तीन या चार बार बढ़ता है। तीन में से एक बच्चा ऐसे जूते पहनता है, जो उन्हें फिट नहीं आते। इसका कारण क्या है? छोटे बच्चों का पांव थोड़ा-थोड़ा बढ़ता है, जबकि जूते का साइज ज्यादा बड़ा होता है। उन्होंने बच्चों के ऐसे जूतों की कल्पना की,जो बच्चों के पैरों के साथ अपने-आप बढ़ता रहे। 2022 में पुणे में दोनों ने टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर अव्वल फुटवियर ब्रैंड ऐरेटो लॉन्च किया।ऐरेटो के सीईओ और सह-संस्थापक सत्यजीत मित्तल ने कहा,हम इस गंभीर समस्या का समाधान खोजना चाहते थे और बच्चों के जूतों की इंडस्ट्री की फिर से कल्पना करना चाहते थे। हमने आपस में मिलकर विचार किया और एक पेटेंट तकनीक की खोज की, जो जूतों को बच्चों के साथ बढ़ने की इजाजत देती है। ग्रीस की पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐरेटे को सर्वश्रेष्ठता की देवी माना जाता है और स्टार्टअप के संस्थापकों का विश्वास है कि यह विविधता पूर्ण प्रॉडक्ट्स बनाने में उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मित्तल ने कहा,जूते के ब्रैंड का नाम एरेटो इसलिए चुना गया, ताकि वह उत्कृष्टता और विकास के जज्बे की झलक पेश करे। आमतौर पर संस्थापकों ने प्रारंभिक तौर पर इस स्टार्टअप की लॉन्चिंग के लिए 100,000 डॉलर का निवेश किया।यह जूते बच्चों के जिगरी दोस्त हैं पुणे स्थित डी2सी स्टार्टअप ने पैरों की विभिन्न समस्याओं का इलाज करने वाले डॉक्टरों की और से मान्यता प्राप्त ऐसे जूते बनाए,जो 360 डिग्री तक लचीले, सुविधाजनक, साइज में फिट हैं। इनसोल, अपर और सोल टेक्नोलॉजी के कारण तीन अलग-अलग साइज तक इनका विस्तार किया जा सकता है।ब्रैंड ने सबसे पहले एरेटो लीप्स नामक पहला प्रॉडक्ट लॉन्च किया। मिड टॉप स्निकर्स काफी आरामदेह और सुडौल नजर आते हैं। मित्तल ने कहा,हमने सबसे पहले जो प्राथमिक असर पैदा किया, वह यह था कि हमने जूतों के आकार के पैमाने को 15 साइज से 5 साइज तक घटाया। हमारी ओर से बनाए जूतों का आकार 18 एमएम तक बढ़ाया जा सकता है,जिससे जूते बच्चों के पैरों का साइज बढ़ने पर छोटे न पड़े। अब यह स्टार्टअप 38 स्टॉक कीपिंग यूनिट ऑफर करता है। यह जूते नौ स्टाइल, पांच आकार और चार श्रेणियों में आते हैं,जिसका दाम 1699 रुपये से 2899 रुपये तक है। अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों के लिए अलग-अलग डिजाइन के जूते बनाए गए, जिसमें 0 से 2 साल, 5 से 7 साल और 5 से 9 साल के बच्चों के लिए जूते थे। ऐरेटो ने अब तक 3,000 जोड़ी से ज्यादा जूतों की बिक्री की है और महीने दर महीने 100 फीसदी का विकास दर्ज किया। स्टार्टअप ने पिछले महीने 12 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया। अभी तक ब्रैंड ने 6 हजार से ज्यादा जूते बनाये हैं। यह जूते कैसे काम करते हैं संस्थापकों का कहना है कि ऐरेटो ने जूते बनाने में तीन तकनीक के संगम का लाभ उठाया, जो बच्चों के स्वाभाविक विकास के अनुकूल हो और उनके पैरों में पूरी तरह फिट आएं। सुपरग्रूव्स बच्चों के पैरों की मिलीमीट्रिक विकास के अनुकूल होने में मददगार बनता है। एरेटो के स्क्विशी फोम के जूते काफी मुलायम फोम से बने होते हैं, जो पैरों पर पड़ने वाले दबाव को कम करते हैं और जूतों को सुविधाजनक बनाते हैं। इस जूते की ऊपरी बॉडी इन्फिनिट से बनी हैं। इसकी 3 डी आकार में स्ट्रेचेबल तरीके से बनाया गया है। यह स्थायी और ठोस फैब्रिक से बने होते हैं, जो काफी लचीले और पैरों के लिए काफी सुविधाजनक होते हैं। इसका मतलब यह है कि कोई भी जूता तीन साइज तक बदलाव ऑफर करता है। इसमें किसी मानवीय दखल की जरूरत नहीं पड़ती। इससे यह बच्चों के बढ़ते पैरों के लिए सही आकार और फिटिंग में आता है। संस्थापकों का दावा है कि ये जूते इकोफ्रेंडली होते हैं। तीन गुना लंबे समय तक चलते हैं और बच्चों के पैरों के विकास के साथ अपने आप बढ़ते रहते हैं। मित्तल ने कहा,हमारा ध्यान पूरी तरह से जूतों के सोल पर था, जिसे बेहद सावधानी से सही आकार और लचीलेपन के साथ डिजाइन किया जाए। इनकी पकड़ काफी मजबूत हो, जिनसे बच्चों को खेलने कूदने और बिना किसी बंदिश के पूरी तरह से सुविधानक जूते पहनकर पूरा आराम मिले। कंपनी को सोल टेक्नोलॉजी के लिए भारत सरकार के पेटेंट ऑफिस से उपयोगी पेटेंट के रूप में पुरस्कृत किया गया। आगे का सफर अगस्त 2022 में एरेटो को प्राइवेट निवेशकों से 273,400 डॉलर की प्रारंभिक फंडिग मिली। आईएमएआरसी के मुताबिक भारतीय फुटवियर का मार्केट का मूल्य 2021 में 13.5 बिलियन डॉलर आंका गया है। 2027 में इस उद्योग के 27.7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। 2022 से 2027 तक 12.65 फीसदी की सीएजीआर की दर से कंपनी का विकास मुमकिन है। ग्लोबल और स्थायी फुटवियर मार्केट का मूल्य 2021 में 8599.5 मिलियन डॉलर था। इसके 2022 से 2027 तक 9.23 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान है। मौजूदा समय में ये प्रॉडक्ट्स एरेटो की अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। मित्तल ने कहा,अगली तिमाही में कुछ खास भागीदारों के सहयोग से ये जूते बाजार में दुकानों पर या ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। मित्तल ने कहा,ऐरेटो इस समय 2 से 8 साल के बच्चों के लिए जूते बना रहा है। कंपनी की अपने प्रॉडक्ट की श्रेणी का विस्तार 0-11 साल तक के बच्चों के लिए करने की योजना है। स्टार्टअप तरह-तरह के इवेंट्स करने, पॉपअप्स और एक्सपीरियंस जोन के लिए प्री-स्कूल, प्राइमरी स्कूल और बच्चों के विकास केंद्रों के साथ सहयोग की योजना बना रहा है। कंपनी अपने उपभोक्ताओं से व्यक्तिगत रूप से उन्हें शिक्षित करने,समृद्ध करने और उनसे जुड़ने की कोशिश करती है।