झारखंड – बीजेपी सूबे में अपने नए अध्यक्ष के साथ 2024 की सियासत को गढ़ने का सपना संजोए है. लगभग डेढ़ महीने पहले ही बाबूलाल की ताजपोशी बतौर प्रदेश अध्यक्ष हो भी चुकी है. नई जिम्मेदारी के साथ बाबूलाल मरांडी अपनी संकल्प यात्रा पर तो निकल चुके हैं, लेकिन इन सब के बीच सत्ता के गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि टीम बाबूलाल कैसी होगी और आखिर इसके गठन में और कितना वक्त लगेगा? अंदरखाने भी इसको लेकर चर्चा है कि क्या संतुलन के फेर में वक्त लग रहा है. नई जिम्मेदारी के साथ अपने संकल्प को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी 10 अक्टूबर तक पूरे झारखंड की यात्रा पर निकल चुके हैं. संकल्प यात्रा के जरिए बीजेपी विधानसभा और लोकसभा की सीटों को साधने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस सब के बीच सब की निगाहें टिकी है बीजेपी की नई टीम पर. चुनाव सामने है, ऐसे में बीजेपी की नई कमेटी का जल्द से जल्द गठन होना तय माना जा रहा है, लेकिन संगठन में अभी इसकी सुगबुगाहट नहीं सुनाई दे रही है. माना जा रहा है कि नई कमेटी से कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी तय है. कोल्हान, संताल परगना के कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी हो सकती है. कुछ जिलाध्यक्षों का दो कार्यकाल पूरा हो चुका है और पार्टी संविधान के मुताबिक इनको तीसरा मौका नहीं मिल सकता. ऐसे में पार्टी नए चेहरों को पार्टी की कमान दे सकती है. लेकिन अभी तक नई टीम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. बाबूलाल के साथ JVM से आए नेता भी नई टीम का हिस्सा हो सकते हैं. ऐसे में JVM के नेता और बीजेपी के नेताओं के बीच संतुलन बनाते हुए टीम बनाई जाएगी. हालांकि नई टीम पर फिलहाल बीजेपी के कोई भी नेता जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं और इसे संगठन का मामला बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक सुर में ये जरूर कहा है कि जो भी टीम बनाई जाएगी वो संतुलन के साथ बनेगी. वहीं, बीजेपी की नई टीम के गठन को लेकर कांग्रेस जमकर तंज कस रही है. जहां कांग्रेस का कहना है कि बाबूलाल मरांडी का बीजेपी में शामिल होना बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को रास नहीं आ रहा. कांग्रेस का दावा है कि इसी वजह से बीजेपी ती नई कमेटी के गठन में पेच फंस रहा है.टीम बाबूलाल कैसी होगी जिनके बूते बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड में अपने “मिशन 24” को साधेंगे. इस पर बीजेपी के नेताओं की नजर तो है ही साथ ही उनके विरोधियों की भी नजर है. अंदर खाने से जो जानकारी है वो ये कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी अपनी नई टीम के गठन को लेकर बेहद गंभीर हैं और वो नहीं चाहते कि चुनावी साल में टीम गठन के बाद कोई विवाद हो.