मध्यप्रदेश- इंदौर में गोद ली गई नौ वर्षीय लडक़ी के जननांग को दागने और उस पर अन्य बर्बर अत्याचार करने के आरोपों में 40 वर्षीय महिला और उसके पति को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एमआईजी पुलिस थाने के प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि आरोपियों में शामिल महिला ने कुछ दिन पहले बच्ची का जननांग कथित तौर पर सजा के रूप में इसलिए दाग दिया था क्योंकि वह रात में सोते समय बिस्तर गीला कर देती थी। उन्होंने बताया कि महिला के पति पर भी बच्ची के साथ बर्बरता से मारपीट करने का आरोप है। वर्मा ने बताया कि लडक़ी के माता-पिता की कोविड-19 की चपेट में आने से मौत हो गई थी जिसके बाद उसे आरोपी दम्पति ने गोद लिया था। थाना प्रभारी ने बताया कि लडक़ी को अमानवीय प्रताडऩा देने के आरोपी दम्पति कोई गैर नहीं, बल्कि उसके करीबी रिश्तेदार हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि लडक़ी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा, लडक़ी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद प्रशासन उसकी देख-भाल करेगा तथा उसे उचित प्रक्रिया के तहत किसी भले परिवार को गोद देने की कोशिश भी करेगा। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल ने सोमवार को बताया था कि पीड़ित लडक़ी के जननांग पर किसी जलती चीज से दागे जाने का गंभीर जख्म है, उसके सिर के कुछ बाल उखड़े हुए हैं और उसके शरीर पर नाखूनों से नोंचे जाने के निशान भी हैं। पोरवाल ने कहा, लडक़ी की हालत देखकर लगता है कि उसे गोद लेने वाली महिला बेहद विकृत मानसिकता की शिकार है जिसने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं।