पलवल – बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने महिलाओं के नेतृत्व वाले एसएचजी के सशक्तीकरण, वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन और जमीनी स्तर पर सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने के उद्देश्य से पलवल में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सम्मेलन और वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान का आयोजन किया। महिला सशक्तीकरण की दिशा में माननीय प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी पहल के अनुरूप आयोजित यह सम्मेलन राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा की कार्यपालक निदेशक सुश्री बीना वाहिद, पलवल के उपायुक्त श्री हरीश कुमार वशिष्ठ, नई दिल्ली अंचल की अंचल प्रमुख श्रीमती मिनी टीएम, मुख्य महाप्रबंधक – परिचालन श्री प्रभात कुमार शर्मा, गुड़गांव क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रमुख श्री विशाल कुमार जैन और क्लस्टर निदेशक डॉ. एल एच मंजूनाथ की गरिमामयी उपस्थिति में सम्मेलन संपन्न हुआ। महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को सुदृढ़ बनाने की बैंक की प्रतिबद्धता के अनुरूप, इस जन-संवाद कार्यक्रम के तहत एसएचजी लाभार्थियों को ₹22 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए। इसके अलावा, री-केवाईसी, खातों में नामांकन और डिजिटल धोखाधड़ी से सुरक्षा जैसे विषयों पर जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, सुश्री बीना वाहिद ने कहा, बैंक ऑफ़ बड़ौदा वंचित समुदायों के बीच वित्तीय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध है। हमारी एसएचजी-केंद्रित पहलों और समावेशी बैंकिंग योजनाओं के माध्यम से, हम बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच में वृद्धि के साथ-साथ प्रमुख सरकारी वित्तीय योजनाओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देकर आमजन को सशक्त बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। पलवल में आयोजित यह कार्यक्रम एसएचजी के माध्यम से 3 करोड़ महिलाओं के सशक्तिकरण करने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में किया गया एक प्रयास है, ताकि इन महिलाओं को भारत की समावेशी और संवहनीय विकास यात्रा का हिस्सा बनाया जा सके।कार्यक्रम में भाग ले रही 1,100 से अधिक एसएचजी समूह की महिला प्रतिभागियों ने बैंक से वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद अपने व्यवसायों को बढ़ाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की प्रेरणादायक सफलता की कहानियां साझा कीं।वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देते हुए समाज के लक्षित वर्ग के साथ सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से ग्रामीण और अर्ध-शहरी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करते हुए यह पहल समावेशी विकास के प्रति बैंक की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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