नई दिल्ली- मेडिकल टेक्नॉलॉजी की मदद से देश में बढ़ते ऑर्थोपीडिक भार का समाधान करने के लिए पंजाबी बाग में सीके बिरला हॉस्पिटल ने भारत का पहला फुली एक्टिव रोबोटिक एम.आई.एस. नी रिप्लेसमेंट प्रोग्राम पेश किया है। यह अत्याधुनिक रोबोट सिस्टम सबसे आधुनिक सर्जिकल उपकरण है, जो 3डी प्रि-प्लानिंग, विकृतियों की सही पहचान करने में समर्थ है, और मरीजों को इलाज के सटीक सर्जिकल परिणाम प्रदान करता है।रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी में नी ज्वाईंट के क्षतिग्रस्त टिश्यू को हटाकर इसे कृत्रिम ज्वाईंट से बदल दिया जाता है। भारत में हर साल 2.5 लाख से ज्यादा लोग टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी कराते हैं। यह संख्या पाँच साल पहले के मुकाबले लगभग 3 गुना बढ़ चुकी है। यह प्रक्रिया कम से कम खून बहाकर और ज्यादा सुरक्षित तरीके से करने के लिए मिनिमली इन्वेज़िव सर्जिकल एमआईएस तकनीक के साथ फुली एक्टिव रोबोटिक सिस्टम जैसी टेक्नॉलॉजी एक अत्याधुनिक प्रगति है, जिसके बाद इसे दोबारा कराने की जरूरत कम पड़ती है।सीके बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली में ऑर्थोपीडिक्स विभाग के डॉ. अश्वनी मैचंद ने कहा,पारंपरिक विधियों की तुलना में यह फुली एक्टिव रोबोट नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के क्षेत्र में बहुत फायदे प्रदान करता है। हम भारत में पहली बार एम.आई.एस. तकनीक को रोबोटिक्स टेक्नॉलॉजी के साथ पेश कर रहे हैं। यह तकनीक यूज़र-फ्रेंडली और लचीली है,और सुरक्षा के साथ सटीकता प्रदान करती है। यह आधुनिक टेक्नॉलॉजी मरीजों को बेहतरीन परिणाम प्रदान करती है, इसमें संक्रमण का जोखिम बहुत कम है,और मरीज कम पीड़ा के साथ बहुत तेजी से स्वास्थ्यलाभ प्राप्त करता है। मरीज सर्जरी के कुछ ही घंटों में चलने-फिरने में समर्थ हो जाते हैं। यह जोड़ों की समस्याओं वाले मरीजों के लिए स्थायी समाधान है।लॉन्च के अवसर पर श्री विपुल जैन, चीफ बिज़नेस ऑफिसर, सीके बिरला हॉस्पिटल ने कहा,हमें भारत में सबसे पहले नी रिप्लेसमेंट के लिए यह टेक्नॉलॉजी पेश करने की खुशी है। यह अपने मरीजों के लिए आधुनिक मेडिकल इनोवेशन और तकनीकों का इस्तेमाल कर हैल्थकेयर के ग्लोबल स्टैंडर्ड प्रदान करने का लक्ष्य हासिल करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पिछले कुछ सालों में, भारत में ज्वाईंट रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने वाले लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।