भारत की विदेश नीति के इतिहास में पिछले 9 सालों का कालखंड एक नए अध्याय की तरह उभरकर आया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने अंतराष्ट्रीय संबंधों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है और विश्व मंच पर अपनी एक नई पहचान स्थापित की है। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश नीति का जिम्मा अपने हाथों में लेते हुए दुनिया भर के देशों के साथ सामरिक, आर्थिक, सुरक्षा और मानवीय मोर्चों पर गहरे और व्यापक संबंध विकसित करने पर जोर दिया है। नौ साल में मोदी सरकार की नीतियों के बारे में दिल्ली के युवा बीजेपी नेता और नजफगढ़ वार्ड-127 से पार्षद अमित खरखड़ी ने विस्तार से बताया है।
पूरे विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश
मोदी सरकार की विदेश नीति के केंद्र में “वसुधैव कुटुम्बकम्” का दर्शन रहा है। G20 शिखर-सम्मेलन के अपने उद्बोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा ” हमारे लिए पूरा ग्रह एक परिवार की तरह है। किसी भी परिवार में हर सदस्य का भविष्य हर दूसरे सदस्य के साथ गहराई से जुड़ा होता है। जब पूरा विश्व Covid19 महामारी से जूझ रहा था, तब पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत एक संजीवनी के रूप में पूरे विश्व में उभरा व जनवरी 2021 से भारत ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत लगभग 30,12,46,500 वैक्सीन डोज विश्वभर में पहुँचा चुका है।
भारतीय विदेश नीति को नई दिशा और दिशा
नीति निर्धारकों और राजनयिक समुदाय का मानना है कि मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि “नेबरहुड फर्स्ट” की नीति का कूटनीतिक पुन:प्रवर्तन है। भारत ने पड़ोसी देशों जैसे कि भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त किया है। इसने क्षेत्रीय समन्वय और सहयोग के नए आयामों को खोला है। अपनी “नेबरहुड फर्स्ट” की Policy का अनुसरण करने के बाबजूद भारत आतंकवाद के समर्थक पाकिस्तान को उसकी करतूतों के जवाब में अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाकर अलग थलग कर दिया है। आज शायद की कोई देश पाकिस्तान का खुलकर समर्थन कर भारत की दुश्मनी मोल लेना चाहेगा।
ग्लोबल लीडर के रूप में नई पहचान
विश्व नेताओं और प्रमुख अंतराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सकारात्मक रिश्तों के निर्माण और सहयोगात्मक साझेदारी के द्वारा भारत ने न केवल अपने विदेशी साझेदारों के साथ गहरे संबंध कायम किए हैं, बल्कि एक आत्मनिर्भर और ऐतिहासिक समृद्धि वाली दिशा में अपनी यात्रा भी जारी रखी है। दुनिया के मंच पर भारत की बढ़ती हुई भूमिका मात्र एक दिवास्वप्न नहीं अपितु एक निरंतर बनती हुई सच्चाई है, जिसकी झलक पिछले 9 सालों में देखने को मिली है। रूस और अमेरिका दोनों एक दूसरे के चिर प्रतिद्वंद्वी है, पर ये नरेंद्र मोदी सरकार की एक कूटनीतिक उपलब्धि ही है कि आज भारत के दोनों देशों के साथ प्रगाढ़ संबंध है| आज दोनों ही देश संयुक्त परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत कर रहें है। मई 2023 में जापान में सम्पन्न हुई Quad बैठक के दौरान जहाँ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन खुद पीएम मोदी का ऑटोग्राफ लेते दिखे वहीं पुतिन का कहना है कि “पीएम मोदी को डराना-धमकाना नामुमकिन है।
विश्वभर में भारतीयों की बढ़ती सुरक्षा और साख
मोदी सरकार ने अपनी विदेश नीति में कई बदलाव किए हैं जिससे विश्वभर में बसने वाले भारतीयों को भी फायदा पहुंचा है। सरकार ने प्रवासी भारतीयों के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं जो उन्हें विदेश में भी सुरक्षित रखने का प्रबंध करती हैं। इसके अलावा, भारतीय नागरिकों को विदेश में दिक्कतों से बचाने के लिए एक कई मजबूत विदेश नीति प्रारंभ की गई है। आज एक भारतीय दुनिया के किसी भी कोने में हो इस एहसास और सुकून के साथ रहता है कि भारत में मोदी सरकार कैसी भी विकट परिस्थितियों में उनके बचाव और राहत के लिए तत्परता से हरसंभव प्रयास करेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार ने 2014 से अभी तक दुनियाभर में चाहे युद्ध परिस्थिति हो या कोई प्राकृतिक आपदा अपने नागरिकों की सुरक्षा और बचाव के लिए जो भरसक प्रयास किए वो दुनियाभर में बसे भारतीयों के लिए एक सुरक्षाभाव के रूप में फलीभूत हुए है