नई दिल्ली – माननीय केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में निक्केई इंडिया-जापान इकोनॉमी एंड इन्वेस्टमेंट फोरम 2025 में दिए गए अपने मुख्य भाषण में कहा हमारा लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी को 25% तक बढ़ाना है और मुझे यकीन है कि जापान के साथ सक्रिय सहयोग से हम मैन्युफैक्चरिंग में ये हिस्सेदारी हासिल करने में सफल होंगे। मैं आप सभी को हरित ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के हमारे प्रयास और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ हमारे जुड़ाव में भारत की विकास कहानी में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता हूं ताकि डिजिटल तकनीक हमारी प्रगति को समृद्धि की ओर ले जाए। श्री गोयल ने आगे कहा,आज का भारत दुनिया में आत्मविश्वास जगाता है। हम जापान के साथ एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में काम करना चाहते हैं। युवा और कुशल कर्मचारियों के साथ, भारत आज निवेश के लिए एक अहम स्थान है। इस सम्मेलन में, भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा,भारत 2030 तक लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्देश्य भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना और 2030 तक इसे वैश्विक मानदंडों के बराबर बनाना है।बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बात करते हुए, श्री मल्होत्रा ने कहा,पिछले पांच वर्षों में, राजमार्ग निर्माण से लगभग 45 करोड़ मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार, 57 करोड़ मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार और 532 करोड़ मानव दिवस प्रेरित रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने आगे कहा,पिछला दशक बुनियादी ढांचे के विकास और बड़े बदलाव लाने वाले विकास का रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के समग्र विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें कनेक्टिविटी बढ़ाने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसी मंच पर भारत में जापान के राजदूत महामहिम श्री केइची ओनो ने कहा,भारत का लक्ष्य 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनना है। जापान का ज्ञान, टेक्‍नोलॉजी और निवेश इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। श्री ओनो ने कहा,भारत में जापानी निवेश का 60% से अधिक हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में है। यह जापान को मेक इन इंडिया पहल में भागीदार बनाता है।भारत-जापान इकोनॉमी एंड इन्वेस्टमेंट फोरम 2025 भारत में आयोजित होने वाले सबसे बड़े निवेश मंचों में से एक है, जो दोनों देशों के लीडरों को द्विपक्षीय आर्थिक और निवेश अवसरों पर चर्चा करने और उन्हें बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, उपभोक्ता बाजारों, ‘मेक इन इंडिया’ पहल और नवाचार और स्टार्टअप पर सेशन आयोजित किए जाते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन निक्केई इंक.और निक्केई ग्रुप एशिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है, जिसमें एसोसिएशन फॉर ओवरसीज टेक्निकल कोऑपरेशन एंड सस्टेनेबल पार्टनरशिप्स का सहयोग है और इसे पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा जापान में भारतीय दूतावास का सहयोग हासिल है। कार्यक्रम में अपने संबोधन में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरपर्सन आर.सी. भार्गव ने भारत में मारुति सुजुकी के विकास को रेखांकित करते हुए कंपनी की विकास यात्रा में कर्मचारियों को शामिल करने के जापानी मैनेजमेंट के तरीके को अपनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कंपनियों को भी इसी तरह की प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया, जहां न केवल व्हाइट कॉलर बल्कि ब्लू कॉलर कर्मचारी भी कंपनी के आर्थिक विकास में भाग लेते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत-जापान आर्थिक सहयोग काफी गहरा हुआ है, जिसका असर व्यापार में बढ़त,रणनीतिक निवेश और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोगात्मक पहलों के रूप में देखने तको मिला है। जापान ने पहले ही 5 ट्रिलियन येन के निवेश और ऋण प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें से 2 ट्रिलियन पहले ही प्रदान किए जा चुके हैं। 2021 में जापान भारत का 13वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा,जबकि भारत जापान का 18वां सबसे बड़ा साझेदार रहा, जो मजबूत द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को दर्शाता है।

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