नई दिल्ली- एनसीपी में चाचा शरद पवार और भतीजे अजीत पवार के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है. अब कुछ ऐसा हो रहा है जिससे अजीत पवार महाराष्ट्र एनसीपी की राजनीति के आलावा नागालैंड में भी अपनी पकड़ मजबूत करते जा रहे हैं. इसी बीच एनसीपी चीफ शरद पवार को महाराष्ट्र के साथ अब नगालैंड से भी एक और झटका लगा है. यहां के सभी 7 विधायकों ने अजीत पवार गुट के साथ जाने का फैसला कर लिया है.न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक नगालैंड एनसीपी के चीफ वानथुंग ओडियो ने बयान जारी कर कहा है कि नागालैंड के सभी सात विधायकों ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के गुट के साथ जाने का निर्णय किया है. इस संबंध में वो दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को इस बात की जानकारी दी है. वानथुंग ने बताया कि उनके पास सभी साथ विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के समर्थन का शपथ पत्र भी आए हैं. प्रफुल्ल पटेल ने वानथुंग को पहले की तरह काम जारी रखने के निर्देश दिए हैं. सभी सात विधायक नागालैंड की वर्तमान सरकार को समर्थन दे रहे हैं. वर्तमान समय में नागालैंड मे बीजेपी के समर्थन वाली सरकार है. राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार का बीजेपी के साथ जाने के निर्णय के बाद से ही पार्टी के दो फाड़ हो चुके हैं. एक गुट अजीत पवार का है जो महाराष्ट्र की शिंदे सरकार के साथ खड़ा है और दूसरा खेमा पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के साथ है जो विपक्ष के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. पार्टी के टूट जाने के बाद डिप्टी सीएम अजीत पवार ने पार्टी पर अपना दावा किया है. 2024 में होने वाले चुनाव से पहले अजीत पवार का बीजेपी के साथ जाने से पुरे महाराष्ट्र की राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं.