नई दिल्ली –मणिपुर की घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. इस घटना से जुड़े एक वीडियो को देखकर आम जनता का खून खौल उठा है. हर जगह कड़ी निंदा हो रही है वीडियो में देखा गया कि दो महिलाओं को नग्न अवस्था में परेड कराई गई. इस दौरान उनके साथ छेड़छाड़ की जा रही थी. इस घटना पर पीएम मोदी ने कड़ी कार्रवाई की बात कही है. गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के सीएम को फोन लगाया. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो हम इस मामले में करेंगे. वहीं मॉनसून सत्र के दौरान जबरदस्त हंगामा देखने को मिला.आइए जानते हैं मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें. 1. मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया के सामने बयान दिया. उन्होंने कहा, लोकतंत्र के इस मंदिर के पास खड़ा हूं. मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा है. मणिपुर में जो घटना हुई वे किसी सभ्य समाज को लेकर शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले गुनाह करने वाले कितने हैं, कौंन हैं. इससे पूरा देश शर्मसार हुआ है. 140 करोड़ देशवासियों को बेइज्जत होना पड़ा है. इनको कभी भी माफी नहीं मिलेगी. 2. पीएम ने कहा कि वे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह करेंगे कि अपने राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में मदद करें. विशेषतौर पर माताओं-बहनों की रक्षा को लेकर कठोर कदम उठाने होंगे. इस मामले में राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो, मणिपुर हो या देश का कोई अन्य भाग हो, कानून व्यवस्था बनाए रखना और महिलाओं का सम्मान करना किसी राजनीतिक बहस से ऊपर होना चाहिए. पीएम ने कहा कि वे देशवासियों को विश्वास दिलाते हैं कि किसी भी गुनाहगार को बख्शा नहीं जाने वाला. कानून अपनी पूरी ताकत से एक के बाद एक कदम उठाने वाली है. 3. इस घटना के सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह से बातचीत की. मणिपुर के सीएम ने इस मामले को लेकर कहा कि वीडियो सामने आने के बाद से घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस हरकत में आ गई है. यहां पर आज पहली गिरफ्तारी हुई. फिलहाल गहन जांच जारी है. गृह मंत्री ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. इसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार हो. 4. इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई करने को कहा. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने का जो वीडियो आया है वो सही में परेशान करने वाला है. अगर इस मामले में सरकार कार्रवाई नहीं करती तो इसमें हम करेंगे. अब समय आ गया है कि सरकार सहीं कदम को उठाए और इसके साथ कार्रवाई भी करे. इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई 28 जुलाई तय की है. 5. पूरे मामले ने देश को झकझोर दिया है. बताया जा रहा है कि यह घृणित घटना चार मई की बताई जा रही है. यह मणिपुर के कांगपोकपी जिले में हुई. इसका वीडियों तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दिख रहा है कि नग्न महिलाओं से परेड कराई जा रही है. उनके साथ लगातार छेड़छाड़ हो रही है. आरोप लगा रहा है कि इन महिलाओं के साथ गैंगरेप किया गया. पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. इसका नाम हुइरेम हेरोदास मेइती (32) बताया गया हे. 6. मणिपुर हिंसा में मेइती और कुकी समुदाय के बीच करीब दो माह से जातीय हिंसा जारी है. अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को कई जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया. इसके बाद से झड़पें आरंभ हो गईं. राज्य में तब से अब तक 160 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य में इंटरनेट व्यवस्था को बंद कर दिया गया है. हजारों लोगों के घरों को जलाया गया है. बड़ी संख्या में लोग टेंटो और जंगलों में रहने को मजूबर हैं. 7. इस बीच गुरुवार को आरंभ हुआ संसद का मॉनसून सत्र हंगामेदार हुआ. लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोनों सदन मणिपुर पर चर्चा को लेकर तैयार हैं. इस मामले में गृह मंत्री चर्चा पर जवाब भी देंगे. हंगामा जारी रहने के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित किया गया है. 8. विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले में राज्यसभा में चर्चा की मांग की है. उन्होंने कहा कि मणिपुर जल रहा है, महिलाओं के साथ बलात्कार जारी हैं. उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया जा रहा है. मगर पीएम चुप बैठे हैं. वे सदन के बाहर बयान दे रहे हैं. हम इस मामले में विस्तार से चर्चा करना चाहते हैं.उन्होंने कहा कि वे मणिपुर के सीएम से तत्काल इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हैं. 9. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, सदन की कार्रवाई और व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में विपक्ष के रवैये को देखकर ऐसा लगता है कि वे मन बनाकर आए थे. सदन की कार्रवाई को रोकने के लिए पहले से तैयारी थी. उनका कहना है कि सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा को तैयार है. इसके बावजूद कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल ने सदन की कार्रवाई को रोक दिया.