नई दिल्ली- दिल्ली से मेरठ के बीच बनने वाले देश की पहली रैपिड एक्स ट्रेन के एक सेक्शन का उद्घाटन प्रधानमंत्री 20अक्टूबर का हरी झंडी दिखाएंगे। इधर निर्माण के स्तर पर इस बात कर जोर था की देश के दुश्मन और ग्लवान घाटी के गुनहगारों पर से कोई भी समान इंपोर्ट नहीं होगा बल्कि मेक इन इंडिया के तहत पूरी ट्रेन का निर्माण देश में हो होगा । पर क्या बात ट्रेन बनाने वाली कम्पनी इस रैपिड ट्रेन का ज्यादातर समान बाहर से लेकर असेंबली कर रही है। वही उसमे भी 90 फीसदी समान या तो सीधे चीन से है आइए बताते हैं की GFX in
1ट्रेन की बिजनेस क्लास और इकोनॉमी दोनो क्लास की सीटे डिजाइन और सोर्स चीन से की गई है। चीन की Ginyo ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के आई है
2 ट्रेन की कूलिंग और एयरकंडीशन सिस्टम सिडवाल रिफ्रिजनरेशन प्राइवेट लिमिटेड का है। जिसका डिजाइन इंडिया से है पर सोर्स चीन से हुआ है।
3 फायर डिटेक्शन सिस्टम चीन से आउटसोर्स है।
4 सेकेंडरी सस्पेंशन डिजाइन और आउटसोर्स दोनो चीन से आए है।
5 पैसेजर्स सैलून डोर सिस्टम और कैब डोर सिस्टम दोनो चीन से डिजाइन और सोर्स चीन से है
6 एयर सस्पेंशन डिजाइन और आउटसोर्स दोनो चीन से है
7 रूट मैप, एलईडी स्क्रीन, डेस्टिनेशन इंडिकेटर इनको जर्मनी की कंपनी ANNAX GmH ने डिजाइन किया है पर ये भी चीन से ही आउटसोर्स है।
8 रिले, एमसिबी,पुश बटन, न्यूट्रल सेक्शन डिटेक्टर जैसे इक्विपमेंट हांगकांग बेस्ड चीन की कंपनी से आया हैं।
इसका मतलब साफ हैं की केंद्र सरकार के मेन इन इंडिया प्रोग्राम के तहत इनको काम तो दे देती है। लेकिन इनमें 80 फीसदी सामान चीन से इंपोर्ट किया गया होता है।
ऐसे में सवाल उठता हैं की 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जिस रेपिड रेल के एक सेक्शन का उद्घाटन करेंगे तो चीन की बनी होगी या भारत की।