औरंगाबाद-महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने दावा किया कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों में उनकी ही पार्टी के एक नेता शामिल हैं। एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए सत्तार ने किसी का नाम नहीं लिया और कहा कि उन्होंने इस मुद्दे के बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शिकायत की थी। शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट से संबंधित मंत्री के भूमि विवाद से जुड़े फैसले पर बंबई उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद राज्य विधानसभा के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा सत्तार को निशाना बनाया गया था। सत्तार ने कहा, मुझे उन फैसलों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जो मेरे कार्यकाल के दौरान नहीं लिए गए। आरोपों के पीछे मेरी अपनी पार्टी का एक व्यक्ति, विपक्षी लोग और मेरे अन्य शुभचिंतकों का हाथ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आवास पर हुई गोपनीय बातचीत लीक हो गई थी और उन्होंने शिंदे से इस मामले को देखने का अनुरोध किया था। सत्तार ने आगे कहा, कुछ लोग हैरान हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के एक सदस्य को इतना महत्वपूर्ण विभाग मिला है। उन्हें लगता है कि अगर मैं चला गया तो उन्हें मेरा मंत्रालय मिल सकता है। लेकिन मैं किसी का नाम नहीं लूंगा। इस आरोप पर कि उन्होंने एक भूमि विवाद में एक अवैध आदेश पारित किया, उन्होंने कहा, मैंने भूख से मर रहे 19 परिवारों को भूमि स्वामित्व दी है। उनके पास कब्जे का सबूत था और यहां तक कि अन्य सबूतों का सत्यापन किया गया था। बंबई उच्च न्यायालय ने हाल ही वाशिम जिले में सार्वजनिक गैरान चराई के लिए आरक्षित भूमि के निजी कब्जे को नियमित करने के लिए सत्तार को नोटिस जारी किया था। उच्च न्यायालय ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में मंत्री रहे सत्तार के इस आदेश पर रोक भी लगा दी है।