जयपुर- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनके द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए पेश बजट समाज के सभी वर्गों की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला है। गहलोत ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल की उस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कही जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के लिए बजट और घोषणाएं कागजों में लिखने के लिए ही होती हैं। गहलोत ने कहा कि इस तरह का बजट दुर्लभ ही बनता है और उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्रीय वित्त मंत्री को राज्य के बजट का अध्ययन करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि पार्टी पूरी एकता के साथ चुनाव में उतरेगी। गहलोत ने कहा कि सभी नेताओं के प्रयास से पार्टी को राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा बजट भाषण के दौरान कुछ अंश पिछले साल के बजट से पढ़े जाने की घटना की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दौसा में एक जनसभा में कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया था। मोदी ने कहा कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस के पास न विजन है और न ही उसकी बातों में कोई वजन है। उन्होंने कहा, कांग्रेस के लिए बजट और घोषणाएं होती ही कागजों में लिखने के लिए हैं। योजनाएं और कार्यक्रमों को जमीन पर लागू करने में कांग्रेस का कोई इरादा नहीं होता है। गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा, मैं बजट की प्रति प्रधानमंत्री को भेज सकता हूं और वह इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेज सकते हैं। उन्हें पता चलेगा कि हमारा बजट एक मॉडल बजट के रूप में है। मुख्यमंत्री ने कहा, राजस्थान में हमने जो बजट पेश किया है, वह देश में मॉडल बजट बन सकता है। हमने सभी वर्गों, सभी परिवारों का ध्यान रखा है। मैं दावा कर सकता हूं कि ऐसा बजट बनना दुर्लभ है। गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। गत शुक्रवार को आगामी वित्त वर्ष के बजट में उन्होंने समाज के गरीब तबके लिए बड़ी घोषणाएं करते हुए उसे 500 रुपए में गैस सिलेंडर व हर महीने फूड किट देने, 25 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज और 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की। हालांकि, बजट भाषण की शुरुआत में उन्होंने पिछले बजट की दो घोषणाएं पढ़ दीं जिसको लेकर सदन में खासा हंगामा हुआ। बाद में मुख्यमंत्री ने इसके लिए खेद जताते हुए कहा कि बजट भाषण में एक पन्ना अतिरिक्त जुड़ गया और यह मानवीय भूल थी। मोदी ने कांग्रेस पर देश के सैनिकों के शौर्य को कम आंकने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस सरकारों ने इस डर से सीमावर्ती इलाकों में विकास नहीं करवाया कि कहीं उनकी बनाई नई सडक़ों का इस्तेमाल दुश्मन न कर ले। इस पर गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री को उस विकास के बारे में भी बात करनी चाहिए जो आजादी के बाद देश में हुआ है।गहलोत ने दावा किया कि देश में जो भी विकास हुआ है, वह सिर्फ पूर्व की कांग्रेस सरकारों के कारण हुआ है। राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। गहलोत कई बार दावा कर चुके हैं कि राज्य में कांग्रेस की सरकार दोबारा बनेगी। इसके आधार के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा दिए गए सुशासन का लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़ा है और इसलिए उन्हें लगता है कि जनता एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को जनादेश देगी। मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों की गोलबंदी के आगामी चुनावों पर असर के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी एकजुट हैं और एकता के साथ चुनाव में उतरेंगे। गौरतलब है कि दिसंबर 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री गहलोत और पायलट के बीच सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है।पायलट ने जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया।पिछले साल दिसंबर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान चरण के दौरान पार्टी एकजुट दिखी। लेकिन जनवरी में पायलट ने विभिन्न जिलों में अपने पांच दिवसीय कार्यक्रम में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया और प्रश्नपत्र लीक जैसे मुद्दों पर अपनी पार्टी की सरकार को घेरा। इसके बाद गहलोत ने कहा कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने का प्रमुख कारण उनकी पिछली सरकार 2008-2013 का कामकाज रहा। गहलोत ने यह भी कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी बंटी हुई है। उन्होंने कहा, भाजपा बिखराव का सामना कर रही है। देश में कोई दूसरा राज्य नहीं है जहां भाजपा का इतना बड़ा बिखराव हो। भाजपा द्वारा बजट घोषणाओं को रेवडय़िां कहने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भाजपा सरकारें ऐसी घोषणाएं करती हैं तो वह रेवाडय़िां नहीं होतीं, लेकिन जब उनकी सरकार ने लोगों को महंगाई से राहत देने की घोषणाएं की हैं, तो उन्हें रेवडय़िां बताकर मजाक उड़ाया जाता है।