नागपुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर शहर का दौरा करेंगे, जिसके मद्देनजर लगभग 4,000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि मोदी के दौरे से पहले शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की।अधिकारियों के मुताबिक, विशेष सुरक्षा समूह एसपीजी के जवानों की मौजूदगी में पुलिस यात्रा मार्ग का जायजा लेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ ने नई दिल्ली में एक बयान जारी कर बताया कि महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी की अपनी यात्रा के दौरान मोदी 75,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन करेंगे। वह नागपुर से बिलासपुर के बीच चलाई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे और नागपुर मेट्रो के पहले चरण की शुरुआत करेंगे। बयान के मुताबिक, मोदी नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण की आधारशिला भी रखेंगे। वह नागपुर और शिरडी को जोडऩे वाले समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन करने के साथ ही नागपुर के मिहान क्षेत्र में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।पीएमओ के अनुसार, विदर्भ में एक सार्वजनिक समारोह में प्रधानमंत्री।,500 करोड़ रुपए से अधिक की रेल परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। स्थानीय प्रशासन की ओर से साझा संभावित यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री रविवार सुबह 9.40 बजे नई दिल्ली से नागपुर के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचेंगे और फिर शहर के रेलवे स्टेशन जाएंगे, जहां वह वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे।कार्यक्रम के अनुसार, गोवा रवाना होने से पहले मोदी दिन में शहर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।अधिकारियों ने बताया कि पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने सुरक्षा तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके तहत लगभग 4,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि त्वरित प्रतिक्रिया दल,दंगा नियंत्रण पुलिस और होमगार्ड के जवान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में इन पुलिसकर्मियों की सहायता करेंगे।अधिकारियों ने बताया कि अकेले एम्स परिसर में करीब।,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर में 11 दिसंबर को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वन हेल्थ की आधारशिला रखेंगे और हीमोग्लोबिनोपैथी के अनुसंधान, प्रबंधन और नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन करेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ए संस्थान स्वास्थ्य अनुसंधान में देश के प्रयासों को बढ़ाने में सहयोग करेंगे ताकि वंचित आबादी की सेवा की जा सके। यह उत्कृष्ट चिकित्सा केंद्र हीमोग्लोबिनोपैथीज को समर्पित है, जो हीमोग्लोबिन के वंशानुगत विकार से संबंधित है और इसके तहत थैलेसीमिया सिंड्रोम और सिकल सेल रोग समेत अन्य बीमारियां आती हैं।यह संस्थान बायो सुरक्षा स्तर सुसज्जित होगा और यहां निदान और अनुसंधान की आधुनिक सुविधाएं होंगी।