गुरुग्राम-राजस्थान में दो लोगों की हत्या के मामले में गिरफ्तारी से बच रहा मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर हरियाणा में पिछले पांच साल में गोरक्षा के नाम पर विवादों में रहने वाला प्रमुख चेहरा बन गया है। बजरंग दल के सदस्य मोनू (30) ने एक वीडियो संदेश में उक्त हत्याकांड में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए दावा किया कि घटना के समय वह एक होटल में था। उसने सोशल मीडिया पर होटल के सीसीटीवी फुटेज भी साझा किए। वह 2011 में अपने गृह जिले मानेसर में बजरंग दल में सह-संयोजक के तौर पर शामिल हुआ था और दिसंबर 2015 में हरियाणा का गोरक्षा कानून प्रभाव में आने के बाद अधिकारियों द्वारा गठित जिला गोरक्षक कार्यबल का सदस्य बन गया। वह अब बजरंग दल का जिलाध्यक्ष है और अपने गोरक्षा समूह की गतिविधियों को लेकर विवाद में रहता है। वह कथित गोतस्करों का पीछा करने, उन्हें पकडऩे आदि के वीडियो साझा करता रहता है। हालांकि, मोनू का दावा है कि उसे संदिग्ध गोतस्करों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। हरियाणा पुलिस ने पिछले महीने उसकी शिकायतों पर दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि राज्य की भाजपा सरकार ऐसे लोगों को बचा रही है। राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के निवासी नसीर (25) और जुनैद उर्फ जूना (35) का बुधवार को कथित रूप से अपहरण कर लिया गया था और उनके शव बृहस्पतिवार सुबह हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई कार में मिले थे। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि जुनैद का पशु तस्करी का आपराधिक रिकॉर्ड है और उसके खिलाफ विभिन्न थानों में पांच मामले दर्ज हैं। भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव ने कहा, प्राथमिकी में जिन लोगों के नाम हैं, वे बजरंग दल से जुड़े हैं, लेकिन वे अपराध में शामिल थे या नहीं, इसका पता लगाया जाना बाकी है। मोनू को पूर्व में सात फरवरी को गुरुग्राम के पटौदी थाने में दर्ज हत्या के प्रयास के एक मामले में नामजद किया गया था। फरार होने के दौरान मोनू मानेसर ने एक वीडियो संदेश जारी कर ताजा मामले में खुद को बेगुनाह बताया। मोनू ने कहा, मेरे सहयोगियों और मेरी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन राजस्थान पुलिस ने मेरे और मेरे समूह के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मैं मृतकों को जानता भी नहीं हूं। उसने कहा, घटना के समय, मैं अपनी टीम के सदस्यों के साथ गुरुग्राम के एक होटल में था। मैं होटल के सीसीटीवी फुटेज भी साझा कर रहा हूं, जिससे पता चलेगा कि हम होटल में मौजूद थे। भरतपुर पुलिस ने हमें गलत तरीके से फंसाया है और यह मेरी टीम और मेरे संगठन को बदनाम करने की साजिश है।