नैनीताल- उत्तराखंड मंत्रिमंडल द्वारा उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित किए जाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दिया जाना शहर के वकीलों और स्थानीय विधायक सरिता आर्य सहित राजनेताओं के एक बड़े वर्ग को नागवार गुजरा है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की एक बैठक में उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित किए जाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी। नैनीताल से भाजपा विधायक सरिता ने इस फैसले को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि यह निर्णय शहर के वकीलों और व्यापारियों से चर्चा किए बगैर किया गया है और वह हर स्तर पर इसका विरोध करेंगी। उन्होंने इस फैसले को गलत बताते हुए नैनीताल के स्थानीय लोगों के रोजगार पर हमला बताया।उच्च न्यायालय के अधिवक्ता भुवनेश जोशी ने कहा कि इस प्रस्ताव के कारण पहाड़ो से पलायन और बढेगा। राज्य सरकार पर पहाड़ के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं के पर्वत पुत्र होने का दिखावा करते हैं लेकिन इस निर्णय से उनका पहाड़ विरोधी चेहरा सामने आ गया है। पूर्व विधायक और अधिवक्ता महेंद्र पाल ने कहा कि यह निर्णय पहाड़ से पलायन का मुख्य कारण बनेगा। अधिवक्ता शैलेंद्र नौदियाल ने कहा कि हम इस निर्णय का कड़ा विरोध करेंगे और इसे एक जनांदोलन में बदला जाएगा। अन्य वकीलों, निरंजन भटट और कार्तिकेय हरिगुप्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय को यहां से हल्द्वानी स्थानांतरित करने से धन की बर्बादी होगी जिसे गरीबी दूर करने या अच्छे अस्पताल बनाने जैसे कामों में खर्च किया जा सकता है।