फरीदाबाद – हाल ही में लागू की गई लाइसेंसिंग पॉलिसी में बदलाव ने फरीदाबाद के रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल मचा दी है, जिसके दूरगामी प्रभाव डेवलपर्स और घर खरीदारों दोनों पर पड़े हैं। नए नियमों के कारण, जो दीन दयाल जन आवास योजना में खामियों को दूर करने के लिए बनाई गई है, ने आवास बाजार में कई प्रकार के परिणाम सामने आए हैं।सप्लाइ में कमी और बढ़ती कीमतें
लाइसेंसिंग पॉलिसी के नियमों को सख्त किए जाने के कारण, खासकर डीडीजेएवाई द्वारा टारगेट किए सस्ते आवास खंड में नए आवास इकाइयों की सप्लाइ में महत्वपूर्ण कमी आई है। डेवलपर्स के नए नियमों के अनुपालन के लिए निर्माण कार्य रोकने से आवास की उपलब्धता घट गई है। इस सप्लाइ-डिमांड अंतर के कारण संपत्ति की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे मध्यम और निम्न-आय वर्ग के लिए घर खरीदना कठिन हो गया है। पहले सस्ते आवास विकल्पों की उम्मीद रखने वाले खरीदार अब बढ़ती लागत का सामना कर रहे हैं। डेवलपर की चुनौतियाँ
रियल एस्टेट डेवलपर्स भी इस बदलाव से प्रभावित हो रहे हैं। सख्त लाइसेंसिंग प्रोटोकॉल और बढ़ती निर्माण लागत के कारण देरी हो रही है। नए मानकों का अनुपालन करने का दबाव परियोजना की समय सीमा को जटिल बना रहा है, जिससे डेवलपर्स को समय पर घर देने में कठिनाई हो रही है। कई कंपनियाँ अपने बिज़नेस मॉडल को फिर से देखने पर मजबूर हो रही हैं, जिसमें प्रोजेक्ट्स का नया मूल्य ढुढ्ने या उच्च लागत को पूरा करने के लिए कीमतों में वृद्धि शामिल हो सकती है।
सरकारी राहत उपाय
इस झटके को कम करने के लिए, सरकार ने फरीदाबाद के आवास बाजार को राहत देने के लिए लाइसेंसिंग पॉलिसी में कई संशोधन किए हैं। इन बदलावों में बाहरी विकास शुल्क (ईडीसी) में कमी और हाइ-डैन्सिटि विकास की अनुमति शामिल है, जिसका उद्देश्य रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को डेवलपर्स और खरीदारों दोनों के लिए अधिक आकर्षक बनाना है। ये संशोधन बाजार को उत्तेजित करने के लिए किए गए हैं, ताकि अधिक घरों का निर्माण प्रोत्साहित किया जा सके।