गुड़गांव- मेदांता लिवर ट्रांसप्लांट टीम ने एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल करते हुए देश में पहली बार थ्री-वे लिवर ट्रांसप्लांट स्वैप, या पेयर्ड एक्सचेंज किया, जिसके द्वारा टर्मिनल लिवर रोग से पीड़ित तीन मरीजों का एक साथ जीवनरक्षक लिवर ट्रांसप्लांट किया जा सका। इन तीन ट्रांसप्लांट्स के लिए मुख्य सर्जन डॉ. एएस सोइन, डॉ. अमित रस्तोगी, और डॉ. प्रशांस भांगुई थे।यह थ्री-वे स्वैप तीन अजनबियों के बीच किया गया। मध्य प्रदेश के बिज़नेसमैन, संजीव कपूर; उत्तर प्रदेश के बिज़नेसमैन, सौरभ गुप्ता और दिल्ली की गृहणी, आदेश कौर को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। उन सभी का जीवन टर्मिनल लिवर फेल्योर के कारण खतरे में था, और उनकी जान बचाने के लिए तुरंत लिवर ट्रांसप्लांट किया जाना जरूरी था। वो इस स्थिति में नहीं थे कि डोनर का इंतजार किया जाए, जिसमें एक साल तक का समय लग सकता था। तीनी मरीजों के लिए उनके परिवार में ही जीवित डोनर थे, पर उनमें से कोई भी उचित मैच नहीं था। इन तीनों ने जीवित बचने की उम्मीद खो दी थी, पर मेदांता लिवर ट्रांसप्लांट टीम ने एक साथ स्वैप सर्जरी की योजना बनाकर इन तीनों को जीवन का एक और मौका प्रदान किया।मेदांता के चीफ लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन, डॉ. अरविंदर सोयन ने टीम के इस अभूतपूर्व प्रयास की सराहना करते हुए कहा,हमने 2009 में दो ग्राहियों और डोनर जोड़ों के बीच लिविंग डोनर ऑर्गन स्वैप या पेयर्ड एक्सचेंज का कॉन्सेप्ट शुरू किया था। इस तरह के एक्सचेंज से उन ग्राहियों का जीवन बचाने में मदद मिलती है, जिनके रिश्तेदार, चिकित्सा की दृष्टि से स्वस्थ होने के बाद भी ब्लड ग्रुप और/या लिवर के आकार की असमानता के कारण डोनेट करने में असमर्थ होते हैं। पिछले 13 सालों में 46 बार टू-वे स्वैप (92 ट्रांसप्लांट) करने के बाद हमने थ्री-वे स्वैप चेन के कॉन्सेप्ट का विस्तार किया है, जिसमें तीन डोनर-ग्राही जोड़े होते हैं। यह तीन ट्रांसप्लांट एक साथ तीन डोनर्स और तीन ग्राहियों के ऑपरेशन द्वारा किए गए। 55 डॉक्टर्स और नर्सों ने 12 घंटों तक 6 ऑपरेटिंग रूम्स में एक साथ काम करते हुए लिवर ट्रांसप्लांट पूरा किया। जहाँ संजीव की डोनर पत्नी ब्लड ग्रुप कंपैटिबल थी, उसका आंशिक लिवर संजीव के लिए बहुत छोटा होता। दूसरी तरफ, सौरभ की डोनर पत्नी और आदेश का डोनर बेटा, दोनों ब्लड ग्रुप कंपैटिबल नहीं थे। पेयर्ड एक्सचेंज इस तरह प्लान किया गया कि तीनों मरीजों को ब्लड ग्रुप कंपैटिबल लिवर पर्याप्त मात्रा में मिल सका। सैद्धांतिक रूप से, चित्रों में बताए अनुसार, यह चेन चार, पाँच, या उससे भी ज्यादा डोनर-ग्राही पेयर्स तक बढ़ाई जा सकती है। एक सेंटर में इतने सारे लिवर ट्रांसप्लांट एक साथ करने की लॉजिस्टिक की चुनौती के कारण अब हम ऐसे प्रोटोकॉल्स का विकास कर रहे हैं, जो एक ही शहर में 2 या 3 अलग-अलग केंद्रों में लिवर एक्सचेंज की लंबी श्रृंखला प्राप्त कर सकें।