एडवांस्ड कंप्यूटर विज़न, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को एकीकृत कर, वरिष्ठ डेटा वैज्ञानिक वेंकटेश्वरनायडू और श्रीकांतरेड्डी ने हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एक नई नींव रखी है, जिसमें मरीज के चेहरे की भावना को समझ उसका इलाज और भी बेहतर तरीके से किया जाएगा। इसे “फेशियल इमोशन रिकॉजिंशन टेक्नोलॉजी नाम दिया गया है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से डॉक्टर्स और मरीजों में भावनात्मक संबंध मजबूत होंगे। श्रीकांत बताते हैं कि यह इन सबके साथ इच्छापूर्ति क्लिनिकल रिजल्ट्स को प्राप्त करने में भी अधिक प्रभावी है। कहते हैं बीमार इंसान अपनेपन से जल्दी ठीक हो जाता है। ऐसे में, यह टेक्नोलॉजी इन आवश्यकताओं का एक अच्छा विकल्प है।इसके अलावा, डिवाइस हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के लिए बिना किसी कोस्ट के लीडिंग-एज टेक्नोलॉजी को अपनाने, संसाधनों को ऑप्टिमाइजेशन की सुविधा प्रदान करने और मरीज की देखभाल के दौरान डिलीवरी में नए इनोवेशंस को बढ़ावा देता है। यह विजन पूरे हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नया युग लेकर आया है।महत्वपूर्ण रूप से, यह डिवाइस हेल्थकेयर सिस्टम के अंदर लागत-प्रभावशीलता और दक्षता की विशाल क्षमता को दर्शाता है। वेकटेश्वरनायडू ने कहा कि यह प्रतिकूल घटनाओं, अस्पताल में भर्ती और अनावश्यक स्वास्थ्य देखभाल के उपयोग को कम करके, प्रौद्योगिकी उच्च गुणवत्ता और रोगी-केंद्रित देखभाल प्रदान करती है। यह हेल्थकेयर आर्गेनाइजेशन को इस बेहतर संसाधन के साथ आगे बढ़ाने में सक्षम बना रही। संक्षेप में, “फेशियल इमोशन रिकॉजिंशन टेक्नोलॉजी” स्वास्थ्य सेवा के एक नए युग की शुरुआत करता है।