नई दिल्ली- नरेंद्र मोदी ना सिर्फ देश के बल्कि वैश्विक नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं पीएम की ग्लोबल इमेज का अंदाजा उनकी विदेशी यात्राओं से आसानी से लगाया जा सकता है क्या ऑस्ट्रेलिया क्या यूके और क्या अमेरिका जब भी जहां भी पीएम मोदी ने अपनी उपस्थ्ति दर्ज कराई उन्होंने हर किसी को अपनी व्यक्तित्व का मुरीद बना लिया सेंटर ऑफ अट्रैक्शन होने के साथ-साथ वह हर वर्ग से जुड़ने में माहिर भी हैं पीएम मोदी को लेकर इन दिनों चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि वे जल्द ही अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं 21 जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंच जाएंगे. यूएस की उनकी ये यात्रा अब तकी सभी यात्राओं से काफी अहम है, आइए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह हैं दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अमेरिका यात्रा को जो नाम दिया गया है वो है स्टेट विजिट. स्टेट विजिट का मतलब होता है राजकीय यात्रा. खास बात यह है कि ये सम्मान का प्रतीक होता है यही नहीं ये किसी विदेशी यात्रा के दौरान दिए जाने वाला सबसे उच्च सम्मान भी है ये सम्मान अबतक काफी चुनिंदा लोगों को ही दिया गया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यूएस यात्रा के दौरान अमेरिकी संसद में भाषण देंगे दरअसल अब तक के भारतीय इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अमेरिकी संसद में दो बार भाषण नहीं दिया है ये पीएम मोदी का दूसरा संबोधन होगा. बता दें कि ये कांग्रेस का संयुक्त संबोधन है पूरी दुनिया में नेल्सन मंडेला और विंस्टन चर्चिल जैसे कुछ ही लोग हैं जिन्होंने अमेरिका की संसद में एक अधिक बार संबोधन दिया है अमेरिका के राष्ट्रपति के पास अपने चार वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ एक ही मौका होता है जब वो किसी देश के नेता की मेजबानी राजकीय सम्मान के साथ कर सकता है इस तरह के सम्मान के दौरान काफी बड़ा समारोह होता है ये दुर्लभ सम्मानों में से एक माना जाता है अमेरिका में किसी भी देश के नेता को बुलावा दिए जाने पर जो सम्मान दिए जाते हैं उनमें खास प्रॉटोकॉल होता है इन प्रॉटोकॉल के तहत दिए जाने वाले सम्मानों में आधिकारिक विजिट, आधिकारिक वर्किंग विजिट या सरकारी अतिथि जैसे सम्मान शामिल होते हैं