मुंबई- शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मराठा संगठन संभाजी ब्रिगेड के साथ पार्टी के गठबंधन की घोषणा की। यह तब हुआ है,जब ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी एकनाथ शिंदे के विद्रोह और महाराष्ट्र में सत्ता जाने के बाद के प्रभाव से जूझ रही है।ठाकरे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि संभाजी ब्रिगेड के साथ गठजोड़ वैचारिक है और इसे संविधान और क्षेत्रीय गौरव को बनाए रखने के लिए किया गया है।उन्होंने अपने पूर्व गठबंधन सहयोगी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जो सोचते हैं कि लोकतंत्र का मतलब क्षेत्रीय दलों और क्षेत्रीय पहचान को खत्म करना है, वे अनियंत्रित तरीके से व्यवहार कर रहे हैं। ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का पालन नहीं करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की और कहा कि संभाजी ब्रिगेड में विचारधारा के लिए लडऩे वाले लोग शामिल हैं। ठाकरे ने इस आरोप से भी इनकार किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को कॉन्ट्रैक्ट सीएम कहा था। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि वह दशहरे के आसपास राज्य का दौरा करेंगे और वर्तमान में संगठन के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में कई दलों ने उनसे संपर्क किया था,जिनका शिवसेना के साथ वैचारिक संबंध था और यहां तक कि उन्होंने भी संपर्क किया था,जो इसके धुर विरोधी थे। उन्होंने कहा कि ए पार्टियां क्षेत्रीय गौरव और क्षेत्रीय दलों को बचाने के लिए एक साथ आना चाहती हैं। अपने गुट और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों के बीच उच्चतम न्यायालय में जारी कानूनी लड़ाई को लेकर ठाकरे ने कहा कि नतीजे तय करेंगे कि देश में लोकतंत्र रहेगा या निरंकुशता। संभाजी ब्रिगेड के प्रमुख मनोज आखरे ने कहा कि संगठन ने 2016 में अपनी राजनीतिक शाखा बनाई थी। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने एक साथ आने और निर्बाध कामकाज के लिए एक समन्वय समिति बनाने का फैसला किया है। वहीं, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर में संवाददाताओं कहा कि मुख्यधारा का कोई भी दल उद्धव ठाकरे से हाथ मिलाने का इच्छुक नहीं है। उन्होंने कहा कि ठाकरे अब ऐसे दल के साथ गठबंधन कर रहे हैं, जिसके उम्मीदवार पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे।