नई दिल्ली- दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के शिखर सम्मेलन वल्र्ड असेंबली में दिल्ली सरकार की ओर से पेश किए गए भाषण को झूठ का पुलिंदा कहा है। उन्होंने कहा है कि इस झूठी रिपोर्ट से पूरे विश्व में दिल्ली का सम्मान बढऩे की बजाय जगहंसाई हुई है क्योंकि पूरा विपक्ष सच्चाइयों से पहले से ही वाकिफ है। बिधूड़ी ने कहा है कि आप विधायक आतिशी दिल्ली में तो आए दिन प्रेस कांफ्रेंस में झूठे दावे करती ही रहती हैं लेकिन कम से कम संयुक्त राष्ट्र संघ में तो असत्य दावे नहीं करने चाहिए थे। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा है कि चूंकि आप नेता विधानसभा में दिल्ली की स्थिति पर बहस से भागते हैं इसलिए खुले मंच पर कहीं भी बहस कर लें जिसका संचालन कोई निष्पक्ष व्यक्ति करे। बिधूड़ी ने कहा कि आतिशी ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली की जनसंख्या को ही डेड़ गुना बता दिया है। दिल्ली की आबादी 2 करोड़ है लेकिन उन्होंने तीन करोड़ बताया है। यही नहीं, उन्होंने बिजली-पानी पर भी गलत दावे किए हैं। उनका कहना है कि दिल्ली में आज बिजली के रेट सबसे कम हैं जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली में आज घरेलू उपभोग की बिजली औसतन 8 रुपए प्रति यूनिट और कमर्शियल 13 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाती है जोकि देश में सबसे ज्यादा है। उनका दावा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के आने के बाद दिल्ली में बिजली में सुधार हुआ जबकि बिजली की सप्लाई में सुधार प्राइवेटाइजेशन की बदौलत बहुत पहले हो चुका था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जब आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी तो दिल्ली जल बोर्ड घाटे में था जबकि मुख्यमंत्री बनते ही पहली अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली जल बोर्ड के पास 500 करोड़ रुपया सरप्लस है। सच्चाई यह है कि आज आठ साल बाद दिल्ली जल बोर्ड 60 हजार करोड़ के बोझ तले दबा हुआ है जबकि इस दौरान पानी के रेट दुगुने हो गए और पानी की उपलब्धता वही 900 एमजीडी के आसपास ही बनी हुई है। दिल्ली में 63 प्रतिशत लोगों को आज भी पीने का पानी पाइप लाइन से नहीं दिया जा रहा और आप सरकार आने के बाद टैंकरों से पानी की सप्लाई तीन गुना बढ़ गई है। दिल्ली की 1733 अनधिकृत कॉलोनियों में से ज्यादातर में सीवर लाइन नहीं डाली गई और जहां डाली गई है, वे काम नहीं कर रहीं। बिधूड़ी ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों का आलम यह है कि कोरोना के दौरान वे नकारा साबित हुए और उसके डॉक्टरों की गलत दवाइयों से कई बच्चों की मौत हो गई।