पटना-राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता अवध बिहारी चौधरी को सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। यह पद विजय कुमार सिन्हा के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था। इस महीने की शुरुआत में राज्य में सत्ता में आने के बाद महागठबंधन सरकार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सिन्हा आसन तक लेकर गए। सिन्हा अब राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता बन गए हैं। हालांकि, आचार समिति की एक रिपोर्ट को विधानसभा के कामकाज की सूची से हटाए जाने को लेकर भाजपा के सदस्यों ने सदन में हंगामा किया। यह रिपोर्ट राजद के कई विधायकों के आचरण पर थी, जिन्होंने पिछले साल मार्च में सिन्हा को अध्यक्ष के चैम्बर में कई घंटों तक बंधक बनाकर रखा था। उस समय राजद विपक्ष में था।भाजपा विधायकों ने रिपोर्ट को सदन में पेश किए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी करते और तख्तियां दिखाते हुए सदन में प्रवेश किया तथा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के कुर्सी पर बैठने के बाद आसन के समीप आ गए।बहरहाल, हजारी के अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा करने पर भाजपा सदस्य अपनी सीट पर लौट गए।सिन्हा ने अपने बधाई भाषण में आचार समिति की रिपोर्ट का मुद्दा उठाया, जबकि अध्यक्ष ने उन्हें विधानसभा के शुक्रवार के कामकाज के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित रखने को कहा।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी चौधरी को सदन में बधाई दी। चौधरी सीवान से सात बार के विधायक हैं।बिहार विधानसभा का एक विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है, जिसमें महागठबंधन ने दो दिन पहले सदन में अपना बहुमत साबित किया था।