नई दिल्ली- पर्यावरण के क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी पर कार्यरत गैर-सरकारी संगठन मोबियस फाउंडेशन ने 9-10 सितंबर के दौरान अपनी चौथी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबिलिटी एजुकेशन आईसीएसई के सफल आयोजन की घोषणा की है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन स्कोप काम्पलेक्स में किया गया। सम्मेलन में उद्घाटन एवं समापन सत्रों के अलावा 3 भागों में अनेक व्याख्यान 17 थीम आधारित सत्र प्रदर्शनी ओरल एवं पोस्टर प्रस्तुतियां दी गईं। इस सम्मेलन के भागीदारों में यूनेस्को, यूएनईपी, सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन सीईई,फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन एफईई, कोपेनहेगन, द क्लाइमेट रियलिटी प्रोजेक्ट इंडिया, द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट टेरी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया शामिल थे। यह लगातार तीसरा साल है जबकि आईसीएसई का आयोजन मोबियस फाउंडेशन द्वारा 30 से अधिक संगठनों के सहयोग से सस्टेनेबिलिटी एजुकेशन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श के लिए किया जाता है।इस साल आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का विषय बिल्डिंग कनेक्शन एंड पार्टनरशिप्स फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर चुना गया और इस भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण की बदौलत, कनेक्शन बनाने तथा भागीदारों को मजबूती देने के लिए शानदार नेटवर्किंग अवसर प्रदान किए गए। सम्मेलन के तहत आयोजित कार्यशालाओं, गोष्ठियों एवं गोलमेज वार्ताओं में निजी क्षेत्रों तथा नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों के अलावा नीति-निर्माताओं, शिक्षकों एवं शिक्षाविदों, युवा पेशेवरों, स्कूल एवं एजुकेशन नेटवर्कों के प्रतिनिधियों समेत 300 से अधिक हितधारकों ने हिस्सा लिया।वाटरमैन ऑफ इंडिया तथा माननीय अतिथि श्री राजेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा,भारत की पारंपरिक व्यवस्था में सतत् ज्ञान अंतर्निहित है। हमें अपने बच्चों के लिए बेहतर और सस्टेनेबल भविष्य का निर्माण करने के लिए इसका अवश्य इस्तेमाल करना चाहिए। सबसे पहले, भारत की स्वदेशी ज्ञान प्रणाली की समीक्षा की जानी चाहिए और दूसरे,जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना चाहिए । सम्मेलन में दो स्पेशल आयोजन भी किए गए जिनका थीम था इंडिया एट 75/ लैसन्स फॉर ए सस्टेनेबल वर्ल्ड तथा एजेंडा सस्टेनेबिलिटी द रोड टू पापुलेशन स्टेबलाइज़ेशन। इसमें प्रमुख वक्ताओं और विशिष्ट गणमान्य जनों ने 10 समांतर थीमेटिक सेशंस में अपने विचार साझा किए। सुश्री नीरजा शेखर, अतिरिक्त सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा,आज के शिक्षा तंत्र पर ऐसी भावी पीढ़ियों को तैयार करने का दायित्व है जो प्रकृति के प्रति दयाभाव रखे और प्रकृति के साथ तालमेल रखते हुए काम करे।सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ राम बूझ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मोबियस फाउंडेशन ने कहा, सस्टेनेबिलिटी एजुकेशन पूरी दुनिया को अधिक सस्टेनेबल बनाने के लिए प्रमुख उत्प्रेरक तथा बदलाव के वाहक की भूमिका निभाने की क्षमता रखती है। साथ ही,भागीदारों के चलते भी हम सस्टेनेबिलिटी एजुकेशन तंत्र को इतना मजबूत बना सकते हैं कि वह हमारे प्रयासों को आगे ले जाने में समर्थ बन सके। सम्मेलन के बारे में श्री प्रदीप बर्मन,चेयरमैन मोबियस फाउंडेशन ने कहा,युवाओं को, खासतौर से युवा प्रोफेशनल्स को सशक्त बनाना तथा उन्हें बदलाव के वाहक बनाना जरूरी है। इन प्रयासों के जरिए हमें आशा है कि हम हमारे सामने पेश आने वाली चुनौतियों से उबर सकेंगे। इसके साथ ही, हम 2023 में अगले एडिशन को लेकर उत्सुक हैं।