नई दिल्ली – दशहरा उत्सव की धूमधाम के साथ ही शाही महल में मैसूर के शाही वंशज यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार ने साइकिल अगरबत्ती के संस्थापक एन रंगा राव के सम्मान में उनके जन्मदिन के शुभ अवसर पर एक पुस्तक और एक विशेष अगरबत्ती “दरबारी” का विमोचन किया। इस विशेष अवसर पर बोलते हुए, यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार ने कहा, “मैसूर अगरबत्ती की सुगंध आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और इसे अगरबत्ती के लिए जीआई दर्जा भी मिला है। यह विगत कई वर्षों से शाही दरबार, मंदिर और हमारे घरों को सुगन्धित कर रही है।और हमारी चेतना को एक नए स्तर तक ले जाती है, हम अपनी परंपराओं की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस पुस्तक का शीर्षक है “फ्रॉम मैसूर टू द वर्ल्ड” तथा यह उस युवा, साहसी उद्यमी की असाधारण जीवनगाथा है, जिसने भारतीय स्वतंत्रता के तुरंत बाद अपना अगरबत्ती व्यवसाय स्थापित करने के लिए मैसूर को चुना, और अपनी विलक्षण प्रतिभा के कारण पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई। यह पुस्तक एन रंगा राव के सबसे बड़े बेटे आर गुरु के परिप्रेक्ष्य में इस कहानी को कहती है। “मेरे पिताजी में साधारण में असाधारण को देखने की अद्भुत क्षमता थी। वह एक कुशल इत्र निर्माता के साथ ऐसे गुण सम्पन्न थे जो साधारण सी सामग्री को भी उत्तम सुगंध में बदल सकते थे। वे व्यावसायिक कौशल की तीव्र समझ जन्मजात लेकर आये थे। एनआर ग्रुप के चेयरमैन आर गुरु कहते हैं। “1953 के दशहरा उत्सव के दौरान, मेरे दादाजी के द्वारा निर्मित इत्रों को स्वर्ण पदक मिला था। आज ठीक 70 साल बाद, हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि महाराजा उनके बारे में एक पुस्तक का विमोचन कर रहे हैं। आप कह सकते हैं कि यह इत्र बनाने की उनकी उस विरासत के लिए एक शाही श्रद्धांजलि है, जिसे हम तीन पीढ़ियों के बाद भी इसे आगे ले जा रहे हैं। हम मैसूर से दुनिया भर में बेहतरीन सुगंध पहुंचाने की विनम्र प्रयास के लिए सम्मानित महसूस कर रहे हैं।” साइकिल प्योर अगरबत्ती के एमडी अर्जुन रंगा कहते हैं। इस समारोह में रंगा परिवार के सदस्य और मैसूरु महाराजा ने हिस्सा लिया ।