बेंगलुरु- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राज्य के गृह मंत्री जी.परमेश्वर के आवास पर डिनर पार्टी में शामिल होने से विवाद खड़ा हो गया है और सूत्रों ने दावा किया है कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को जानबूझकर बैठक से बाहर रखा गया था। रात की बैठक शिवकुमार के वफादार कांग्रेस विधायक गनीगा रवि के उस बयान के बाद आयोजित की गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके नेता 2.5 साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे। बयान से आहत सिद्धारमैया ने गृह मंत्री परमेश्वर,पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली और समाज कल्याण मंत्री डॉ. एच.सी. महादेवप्पा के साथ बैठक की। मंत्री सतीश और महादेवप्पा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कट्टर अनुयायी हैं।जब बेलगावी का दौरा किया तो सतीश जारकीहोली ने उपमुख्यमंत्री शिवकुमार का स्वागत करने से परहेज किया था और खुले तौर पर कहा था कि भाजपा के कार्यकाल के दौरान काम करने वाले अधिकारी बेलगावी जिले में उनकी इच्छा के विरुद्ध काम कर रहे हैं। 20 विधायकों को दौरे पर ले जाकर अपनी ताकत दिखाने की जारकीहोली की कोशिश को उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने विफल कर दिया। इस बीच, जारकीहोली समान विचारधारा वाले विधायकों के साथ दुबई की यात्रा की योजना बना रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर आयोजित दौरों को नहीं रोक सकते। सूत्रों ने कहा कि यह सब शिवकुमार खेमे को एक संदेश भेजने के लिए किया जा रहा है, जो राज्य में सत्ता साझेदारी को लेकर फिर से खुलकर सामने आना शुरू हो गया है। वे दावा कर रहे हैं कि शिवकुमार 2.5 साल के लिए सीएम बनेंगे। सूत्रों ने यह भी कहा कि डिनर पार्टी का आयोजन मंत्री जारकीहोली को मनाने के लिए किया गया था, जिन्हें शिवकुमार ने नजरअंदाज कर दिया था। जारक होली की नाराजगी के लिए शिवकुमार महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के पीछे अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार के बीच कुछ भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार 20 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के बाद इस प्रतिष्ठित पद पर अपना दावा पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। इसीलिए शिवकुमार के वफादार इस मामले में खुलकर सामने आ रहे हैं। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री परमेश्वर ने कहा कि सीएम की उनके आवास पर हुई बैठक में कुछ खास नहीं है।