जम्मू-कश्मीर पर देश की शीर्ष अदालत ने सोमवार को ऐतिहासक निर्णय सुनाया. कोर्ट ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिक 370 को एक अस्थायी प्रावधान बताया. सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. पीएम मोदी ने सुप्रीम फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिाय है. यही नहीं उन्होंने इस फैसले को लेकर एक लेख भी लिखा है. इस लेख को खुद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से साझा किया है.पीएम मोदी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए लिखा- आर्टिकल 370 और 35A पर शीर्ष अदालत के फैसले से एक भारत, एक श्रेष्ठ भारत की भावना और मजबूत हुई है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आए बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की ना सिर्फ सराहना की बल्कि कई अखबारों के जरिए अपनी प्रतिक्रिया भी दी. उन्होंने एक लेख भी लिखा. इस लेख में उन्होंने कहा कि, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में भारत की संप्रभुता और अखंडता को कायम रखा है. इसे भारतीयों के जरिए संजोया जाता रहा है. बीते लंबे वक्त से घाटी में अशांति और अराजकता का माहौल था. इसे दूर करने में भी मदद मिलेगी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लेख में जम्मू-कश्मीर की फिजा का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की खूबसूरत और शांत वादियां, बर्फ से ढंके पहाड़, पीढ़ियों से कलाकार हर भारतीय के दिल को छूते आए हैं. ये ऐसा अद्भुत क्षेत्र है जो हर एंगल से अपूर्व है. कई दशकों से घाटी में हिंसक माहौल ने लोगों के जीवन पर बुरा असर डाला है. यहां पर अस्थिरता देखने को मिली है. ऐसा माहौल था जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है.कई वर्षों तक घाटी में उपनिवेश बने रहने, खासतौर पर आर्थिक और मानसिक रूप से पराधीन होने की वजह से समाज काफी भ्रमित हुआ. स्पष्ट नजरिया होने की बजाय हमेशा भ्रम के हालात बने रहे. इन कारणों के चलते घाटी में बीते कई दशकों में बड़ा नुकसान हुआ.पीएम मोदी ने कश्मीर के लिए लोगों की कुर्बानी को भी याद किया. उन्होंने कहा कि, पंडित जवाहरलाल नेहरू के कैबिनेट में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को खास विभाग मिला हुआ था. उन्होंने लंबे वक्त इस विभाग की कमान संभाली.कश्मीर मुद्दे की वजह से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मंत्रिमंडल भी छोड़ दिया. बल्कि कैबिनेट छोड़ने के बाद उन्होंने एक कठिन रास्ते को चुना. हालांकि इसके बदले उनकी जान तक चली गई. डॉ. मुखर्जी की कोशिशों की वजह से करोड़ों भारतीय कश्मीर मुद्दे से भावनात्मक तौर पर जुड़े.घाटी को लेकर अटल सरकार ने बड़ा काम किया. उन्होंने इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का प्रभावशाली संदेश दिया.
– जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हुआ वो हमारे राष्ट्र और लोगों के लिए बड़ा विश्वासघात था.
– सरल शब्दों में आर्टिकल 370 और 35A जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सामने बड़ी चुनौती और बाधा थे.
– इन दोनों की अटूट दीवार के चलते गरीब, वंचित, दलित और पिछड़ों के साथ-साथ महिलाओं के लिए भी मुश्किलें बढ़ी रहीं.
– पीएम मोदी ने कहा- जम्मू-कश्मीर के लोग सिर्फ विकास चाहते हैं. यहां के मुद्दों से लेकर यहां की परेशानियों तक लोग हर चीज को पहचानते हैं.
– घाटी के लोग अपनी ताकत और कौशल के आधार पर देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं.
– जम्मू-कश्मीर के लोग ऐसा जीवन चाहते हैं जो हिंसा और अनिश्चितता से परे हो.
– बीते 5 वर्ष में बीजेपी सरकार के मंत्रियों ने एक दो नहीं बल्कि 150 से ज्यादा घाटी के दौरे किए.
– 2014 से 2019 में सरकार के मंत्रियों ने 150 से ज्यादा विजिट कीं.
– 2015 का विशेष पैकेज जम्मू-कश्मीर के विकास से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में अहम रहा.
– अफशां आशिक दिंसबर 20014 में श्रीनगर में हुए पथराव करने वाले समूह का हिस्सा थीं. लेकिन वक्त के साथ उन्होंने अपनी प्रतिभा के पहचाना और फुटबॉल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
– पीएम ने कहा- मुझे गांव के प्रधानों से की बातचीत याद है,मैंने उनसे अनुरोध किया था कि स्कूलों को जलाया नहीं जाना चाहिए. बल्कि इनकी सुरक्षा होनी चाहिए.
– सभी लोगों ने इस अनुरोध का पालन किया और घाटी में स्कूलों की स्थिति भी सुधरी.
– सभी सरकारी योजनाओं ने जम्मू-कश्मीर में 100 फीसदी टारगेट हासिल किए हैं.
– जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ समय में श्रेष्ठ भारत , एक भारत की भावना भी मजबूत हुई है.