नई दिल्ली – भारत में एसटीईएम स्नातकों में 43% अनुपात के साथ महिलाओं की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है? लेकिन कड़वा सच यह है कि अनुमानतः इनमें से केवल 14% ही एसटीईएम विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स वर्कफोर्स में शामिल हैं। ये संख्या कार्यस्थल में जेंडर गैप पर जोर देती हैं। केमिस्ट ग्रैहम वुल्फ की परिकल्पना की उपज, प्रॉक्टर ऐंड गैम्बल के परम्परागत स्किनकेयर ब्रैंड ओले ने अपनी शुरुआत से ही दशकों से विज्ञान के माध्यम से महिलाओं की बदलती ज़रूरतों की गहरी समझ कायम रखी है। ओले का आधार न केवल अनुसंधान और विकास में निहित है, बल्कि यह लैंगिक समानता में भी मजबूती से विश्वास करता है। इस क्षेत्र में 50/50 महिला-पुरुष प्रबंधन विभाजन के साथ इसने कार्यस्थलों के भीतर और बाहर लैंगिक पूर्वाग्रह को दूर करने में भी मदद की है। एक महिला आरऐंडडी लीडर, चन्द्रिका कस्तूरी के नेतृत्व में ओले की आरऐंडडी टीम में 250 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें 50% से अधिक महिला वैज्ञानिक हैं। मार्च 2023 में ओले इंडिया ने एक सर्वेक्षण किया, और इसके निष्कर्षों से यह सच्चाई सामने निकल की आई कि महिला रोल मॉडल्स की कमी के कारण युवा लड़कियां एसटीईएम में आजीविका का अनुसरण नहीं करती हैं। उत्तरदाताओं में से 81% ने अपनी सफलता का मार्ग प्रशस्त करने वाली महिला रोल मॉडल्स की कमी के कारण पढ़ाई छोड़ दी थी। वहीं, 88% ने बताया कि कार्यस्थल में महिला रोल मॉडल के होने से उन्हें एसटीईएम में वापस करियर का अनुसरण करने का प्रोत्साहन मिलता। कुल मिलाकर 91% उत्तरदाताओं ने कहा कि एसटीईएम करियर में बने रहने के लिए महिला रोल मॉडल का होना महत्वपूर्ण होता है। इस वर्ष, ओले के STEMTheGap की नई क़िस्त का लक्ष्य महिला मेंटर्स और रोल मॉडल्स की भारी कमी को उजागर करना है। इस वर्ष बालिकाओं के अंतरराष्ट्रीय दिवस के पहले ओले 10-वर्षीय प्रोग्राम का अगला चरण आरम्भ करेगा। वैज्ञानिक नवाचार पर आधारित और महिलाओं के साथ गहरे जुड़ाव वाले ब्रैंड के रूप में ओले इंडिया तीन पहलों का पालन करते हुए युवा लड़कियों को मार्गदर्शन और रोल मॉडल्स प्रदान करने के लिए सार्थक कदम उठा रहा है। एआई-एसएचयू वर्चुअल मेंटर : ब्रैंड ने एक वेब-आधारित वर्चुअल चैट मेंटर का बीटा वर्जन भी लॉन्च किया है। यह ओले के मेंटरशिप प्रोग्राम का एक शानदार पूरक है, जो एसटीईएम की दुनिया में प्रवेश की आकांक्षी युवा लड़कियों को मार्गदर्शन और जानकारी प्रदान करेगा। कैंपेन के दूसरे चरण के बारे में प्रॉक्टर ऐंड गैम्बल की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट स्किन और पर्सनल केयर – एशिया पैसिफिक, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका, प्रियाली कामथ ने कहा कि, प्रॉक्टर ऐंड गैम्बल के मशहूर स्किनकेयर ब्रैंड ओले ने विज्ञान के माध्यम से दशकों से महिलाओं की बदलती ज़रूरतों की गहरी समझ का ध्यान रखा है। ओले में हम एसटीईएम के क्षेत्र में महिला रोल मॉडल्स का महत्व समझते हैं और लैंगिक असमानता को समाप्त करने के प्रति हमारी वचनबद्धता बेमिसाल है। पब्लिसिस्ट ग्रुप साउथईस्ट एशिया के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर, अजय विक्रम ने कहा कि, भारत में आज एसटीईएम में अनेक निपुण महिला लीडर्स हैं। फिर भी, ‘मेंटर्स की कमी’ एक बड़ा कारण है कि अपने करियर के रूप में बहुत कम महिलायें एसटीईएम का चुनाव करती हैं। विज्ञान पर आधारित एक ब्रैंड के रूप में ओले इंडिया एसटीईएम में लैंगिक समानता की वकालत करता है। ओले एसटीईएम में करियर बनाने के लिए युवा लड़कियों को प्रेरित करते हुए भारत में #स्टेमदगैप की मदद करने और पूरे देश में लड़कियों के लिए एसटीईएम स्कालरशिप्स की फंडिंग के लिये प्रतिबद्ध है।