भारत में हथकरघा उद्योग (हैंडलूम इंडस्ट्री) हमारे दिलों में एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यह पारंपरिक भारतीय शिल्प कौशल की अथक मेहनत को गुणवत्ता के साथ जोड़ता है। कपड़ा मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट 2022 के अनुसार, वर्ष 2020-21 के दौरान देश से हथकरघा वस्तुओं का निर्यात रु. 1644.78 करोड़ रहा। साल 2022 में, भारत दुनिया में कपड़ा और परिधान का छठा सबसे बड़ा निर्यातक रहा है।हैंडलूम सेक्टर डिजाइनरों, मार्केटर्स और उद्यमियों के रूप में युवा पीढ़ी के लिए एक आशाजनक कैरियर के कई सारे विकल्प प्रस्तुत करता है। भारत में विविध हैंडलूम इंडस्ट्री की स्टडी और उसे अच्छी तरह से समझ के, प्रोफेशनल्स वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हैंडलूम उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए मार्केटिंग रणनीति तैयार कर सकते हैं। विदेशी बाजारों में सस्टेनेबल और प्रामाणिक कपड़ों की मांग बढ़ रही है और भारत इस संबंध में एक प्रमुख उत्पादक है।कालीन, दरी, किचन लिनन और डेकोरेटिव फनिर्शिंग सहित घरेलू कपड़ों का, भारत के हैंडलूम निर्यात का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा है। भारतीय हैंडलूम सेक्टर उत्पादों की बड़े पैमाने पर मार्केटिंग करते हुए इस मांग का पूरा पूरा लाभ उठाने का एक आकर्षक तरीका हो सकता है। बाजार एग्रीगेशन रणनीतियां विभिन्न उद्योगों में सफल साबित हुई हैं, और भारत में हैंडलूम सेक्टर में भी इस संबंध में काफी अधिक क्षमताएं हैं, जिनका अभी तरह से उपयोग नहीं किया गया है।एक डिजाइनर के लिए, भारतीय हैंडलूम सेक्टर विभिन्न कपड़ों, बुनाई और पैटर्न के साथ काम करने के असीमित अवसर प्रदान करता है। महत्वाकांक्षी डिजाइनरों के लिए, सभी हैंडलूम क्षेत्रों में काम करने या एक जगह बनाने के कई सारे अवसर हैं। इसके साथ ही वे उस सेक्टर के भीतर विभिन्न उत्पादों और उपयोग के मामलों को नया और इनोवेटिव रूप देने में गहराई तक जा सकते हैं।अपना खुद का ब्रांड बनाना या स्थापित ब्रांडों के लिए काम करना भी हैंडलूम इंडस्ट्री में फायदेमंद रास्ते हो सकते हैं। भारत सरकार की सहायक नीतियां, जैसे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल, प्रोफेशनल्स को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में अपने वेंचर शुरू करने के अवसर प्रदान करती हैं। कर रियायतें, सब्सिडी और क्रेडिट लाइनें हैंडलूम इंडस्ट्री के विकास को और समर्थन देती हैं। माई हैंडलूम माई प्राइड जैसे अभियान भारत के विविध हथकरघा के प्रति बड़े दर्शकों के बीच जागरूकता और उत्साह पैदा करने में भी मदद करते हैं।हैंडलूम सेक्टर की प्रगति के लिए सभी संबंधित पक्षों का टेक्नोलॉजी को अपनाना महत्वपूर्ण है। हाल ही में, डिजिटल मार्केट प्लेस मॉडर्न ब्रांड्स के रूप में उभरे हैं, जो अलग अलग सेक्टर के कारीगरों को दुनिया भर के ग्राहकों से जोड़ते हैं। डिजिटलाइजेशन के अनुकूल शिल्पकारों का कौशल बढ़ाने से उनके प्रयास सरल हो सकते हैं और बाजार तक उनकी पहुंच बढ़ सकती है।भारत में हैंडलूम इंडस्ट्री न केवल देश का सबसे बड़ा कुटीर उद्योग (कॉटेज इंडस्ट्री) है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण रोजगार प्रदाता भी है, जो 3.5 मिलियन से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है। 2022 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, यूएसए, ईयू-27 और यूके का भारतीय कपड़ा और परिधान निर्यात में लगभग 47 प्रतिशत हिस्सा है। भारत के पास प्रतिभाशाली शिल्पकारों का विशाल भंडार है, जो इस मांग को पूरा करने के लिए इसे एक आदर्श स्थान बनाता है।हैंडलूम इंडस्ट्री का दृष्टिकोण आशाजनक है, जिसमें भारत में कृषि के समान मूल्यवान बनने की क्षमता है। यह पर्याप्त आय उत्पन्न करता है, पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और ग्रामीण समुदायों के लिए मूल्य बनाता है। कुल मिलाकर, एक क्षेत्र के रूप में कपड़ा भी भारत में अधिक अवसरों के साथ तेजी से विकसित हो रहा है। भारत के रचनात्मक हथकरघा क्षेत्र में करियर विकल्प तलाशने से कई लाभ और अवसर मिल सकते हैं। इस क्षेत्र में करियर पर विचार करने के कुछ महत्वपूर्ण कारण यहां दिए गए हैं:-समृद्ध सांस्कृतिक विरासत: भारत में हथकरघा बुनाई की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, प्रत्येक सेक्टर अद्वितीय बुनाई तकनीक, डिजाइन और रूपांकनों की पेशकश करता है। इस क्षेत्र में काम करके आप भारत की पारंपरिक शिल्प कौशल और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और आगे प्रोत्साहित करने में योगदान दे सकते हैं।- स्किल डेवलपमेंट और रचनात्मकता: हैंडलूम सेक्टर में काम करने से आपको बुनाई, डिजाइन डेवलपमेंट और कपड़ा उत्पादन में अपने कौशल को विकसित और पहले से बेहतर करने का मौका मिलता है। यह नई तकनीकों का पता लगाने, डिजाइनों के साथ प्रयोग करने और अद्वितीय और कारीगर उत्पाद बनाने के लिए एक क्रिएटिव आउटलेट प्रदान करता है।-सस्टेनेबल और एथिकल प्रक्रियाएं: हैंडलूम इंडस्ट्री सस्टेनेबल और नैतिक प्रक्रियाओं को बढ़ावा देती है क्योंकि यह कपड़ा उत्पादन का एक श्रम आधारित और पर्यावरण के अनुकूल रूप है। इस क्षेत्र में कैरियर चुनकर, आप सस्टेनेबल फैशन में योगदान दे सकते हैं और हथकरघा बुनकरों की आजीविका का समर्थन कर सकते हैं।-उद्यमशीलता के अवसर: हैंडलूम सेक्टर विभिन्न तरह की उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करता है। आप अपना खुद का हैंडलूम बिजनेस शुरू कर सकते हैं, बुनकरों और डिजाइनरों के साथ सहयोग कर सकते हैं, या हैंडलूम उत्पाद बेचने के लिए अपना ब्रांड स्थापित कर सकते हैं। यह आपको क्रिएटिव कंट्रोल रखने, सामाजिक प्रभाव डालने और संभावित रूप से अच्छी खासी आमदनी पैदा करने की सुविधा प्रदान करेगा।-वैश्विक बाजारों से बढ़ती मांग: हाल के वर्षों में हैंडलूम उत्पादों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और मांग मिली है। इंडस्ट्री अंतरराष्ट्रीय बाजारों का पता लगाने और अंतरराष्ट्रीय डिजाइनरों और ब्रांडों के साथ सहयोग करने के अवसर प्रदान करता है। इससे भारतीय पारंपरिक वस्त्रों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने के काफी सारे नए अवसर खुलते हैं।-नौकरी की विविधता: हैंडलूम सेक्टर कैरियर विकल्पों की एक विस्तृत सीरीज प्रदान करता है। बुनकर या डिजाइनर बनने के अलावा, आप मार्केटिंग और प्रमोशन, टेक्सटाइल रिसर्च, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, रिटेल और मर्चेंटाइजिंग और शिक्षा और ट्रेनिंग जैसे क्षेत्रों में भी काम कर सकते हैं। यह इंडस्ट्री के भीतर नौकरी की विविधता और विकास के अवसर सुनिश्चित करता है।-कम्युनिटी डेवलपमेंट: हैंडलूम सेक्टर में काम करके, आप ग्रामीण समुदायों के विकास में योगदान दे सकते हैं और बुनकरों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को काफी बेहतर कर सकते हैं। इस क्षेत्र में रोजगार पैदा करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और इन समुदायों में जीवन स्तर में सुधार करने की क्षमता है।-मान्यता और अवॉर्ड्स: हैंडलूम इंडस्ट्री इसमें काम करने वालों को मान्यता और प्रशंसा प्राप्त करने के लिए काफी अधिक अवसर प्रदान करता है। ऐसे कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कार हैं जो हैंडलूम क्षेत्र में व्यक्तियों और संगठनों की उत्कृष्टता और योगदान का उत्सव मनाते हैं। यह मान्यता आपके प्रोफेशनल प्रोफाइल को बढ़ा सकती है और आगे कई सारे नए अवसरों के दरवाजे खोल सकती है।कुल मिलाकर, भारत के क्रिएटिव हैंडलूम सेक्टर में कैरियर परंपरा, रचनात्मकता, स्थिरता, उद्यमशीलता और सामाजिक प्रभाव का एक अनूठा मिश्रण प्रदान करता है। यह आपको पारंपरिक शिल्प के संरक्षण में योगदान करने, कारीगरों का समर्थन करने और एक जीवंत और तेजी से विकसित होती इंडस्ट्री का हिस्सा बनने का मौका देता है।आखिर में, भारत में हैंडलूम इंडस्ट्री एक शानदार, अद्वितीय और संतुष्टिदायक कैरियर मार्ग प्रस्तुत करता है। अपनी समृद्ध विरासत, बढ़ती मांग और सहायक सरकारी नीतियों के साथ, इस क्षेत्र के प्रोफेशनल्स में आगे बढऩे और चमकने की अपार क्षमता है।

डॉ. पी. थेन्नारासु, डायरेक्टर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी, वाराणसी