पटना – पिछले कुछ दिनों से पटना से लेकर दिल्ली तक हर किसी के जेहन में चल रहा है. नए साल पर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खोल देने की बात कहकर सूबे की सियासत में गरमी ला दी है. उन्होंने कहा कि अगर वह साथ आते हैं तो उनका स्वागत करेंगे. हालांकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस पर अपने पिता की बात से अलग राय रखते हैं. उनके मुताबिक चाचा की विदाई तय है पटना में एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए उनका दरवाजा हमेशा खुला है. उन्होंने कहा कि सीएम को भी अपना दरवाजा खुला रखना चाहिए. उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि हमलोग मिल बैठकर फैसला लेते हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में एंट्री के सवाल पर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि अगर वो साथ आएंगे तो हम उनका जरूर स्वागत करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले की गलती माफ कर हम उनको अपने साथ रख लेंगे. हम तो कहेंगे कि साथ आइये और साथ में मिलकर काम करिये.नीतीश कुमार आते हैं तो काहे नहीं लेंगे साथ. रहें साथ में और काम करें. लालू ने कहा कि हमलोग तो हर मौके पर सही निर्णय लेते हैं लेकिन नीतीश कुमार को शोभा नहीं देता है. वह सही फैसला नहीं ले पाते हैं. भाग जाते हैं और गठबंधन से निकल जाते हैं लेकिन फिर भी अगर हमारे साथ आते हैं तो उनको माफ कर देंगे और अपने साथ रख लेंगे वहीं नीतीश कुमार के सवाल पर लालू परिवार में मतभेद नजर आ रहा है. जहां लालू ने कहा कि नीतीश आते हैं तो उन्हें साथ लेंगे. वहीं लालू यादव के छोटे बेटे और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘इस साल चाचा की विदाई तय है.’ उन्होंने कहा कि ‘अब नए बीज की जरूरत है, क्योंकि 20 साल एक ही बीज बोने से फसल बर्बाद होती है.’तेजस्वी यादव की बात को अगर दूसरे तरीके से समझा जाए तो इसका ये मतलब होता है कि अगर नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन में आते हैं तो उनका ‘समझौता’ करना होगा. इसका सीधा अर्थ ये है कि अब मुख्यमंत्री की कुर्सी उनको त्यागना होगा. सीएम की कुर्सी आरजेडी यानी तेजस्वी को सौंपनी होगी.