भुवनेश्वर- अगले महीने होने वाले पुरुष हॉकी विश्व कप से पहले ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के सौंदर्ईकरण के लिए चल रहे अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ बड़ी संख्या में रेहड़ी-पटरी वालों ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के चलते भुवनेश्वर नगर निगम बीएमसी ने अस्थाई रूप से इस कवायद को स्थगित कर दिया। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि विक्रेताओं के प्रतिनिधि निकाय के साथ चर्चा के बाद कार्वाई का लेकर अगला कदम तय किया जाएगा। बीएमसी उत्तरी जोन के सहायक आयुक्त सुरेश चंद्र लेंका ने संवाददाताओं को बताया, हमनें कुछ दिनों के लिए अतिक्रमण रोधी अभियान रोकने का फैसला किया है। विक्रेताओं के निकाय के साथ बातचीत के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा। ऑल ओडिशा रोडसाइड वेंडर्स एसोसिएशन के बैनर तले आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि बीएमसी ने बिना किसी पूर्व सूचना या पुनर्वास की व्यवस्था के बड़े पैमाने पर लोगों को उनकी जगहों से हटाया। एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रताप साहू ने दावा किया, बेदखली अभियान के कारण सैकड़ों विक्रेताओं की आजीविका प्रभावित हुई है। बीएमसी ने हमारी अस्थाई दुकानों पर बुलडोजर चला दिया जिससे लाखों रुपए का सामान नष्ट हो गया। साहू ने दावा किया कि विरोध मार्च में 10 हजार से ज्यादा व्यापारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बीएमसी कार्यालय का घेराव किया जिसकी वजह से सुरक्षा कर्मियों के साथ उनकी मामूली झड़प हुई।
साहू ने कहा कि बेदखली से पहले प्रभावित विक्रेताओं का कानून के अनुसार पुनर्वास किया जाना चाहिए।उन्होंने आरोप लगाया, बीएमसी ने सभी कानूनों का उल्लंघन किया है और शहर के दमन और पाटिया इलाके में अवैध रूप से दुकानों को ध्वस्त कर दिया है। पटिया चक के निकट छोटी दुकान चलाने वाली मिनाती बेहरा ने कहा, विश्व कप के लिए बीएमसी की कोई योजना नहीं थी उसे व्यापारियों को दूसरी जगह जाने के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए था। बेहरा की दुकान को भी अभियान के दौरान हटा दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि सरकार व्यापारियों को दूसरे राज्य जाने के लिए बाध्य कर रही है। साहू ने कहा कि भुवनेश्वर में लगभग 30,000 लोग सडक़ किनारे दुकान लगाते हैं, जिनमें से 15,000 व्यापारियों के स्टॉल बीएमसी द्वारा ध्वस्त कर दिए गए हैं। बाद में कहा कि एसोसिएशन ने सात मांगें की हैं जिसे बीएमसी आयुक्त के समक्ष रखा जाएगा।