जम्मू-आगामी गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर आतंकवादियों द्वारा क्षेत्र में शांति के माहौल को भंग करने की आशंकाओं के बीच, गांव रक्षा प्रहरियों वीडीजी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वीडीजी को जम्मू, सांबा तथा कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी सक्रिय किया गया है।वीडीजी स्थानीय स्वयंसेवक ही होते हैं।राजौरी जिले के धांगरी गांव में पिछले सप्ताह हुए दो आतंकवादी हमलों को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं। इन हमलों में दो बच्चों सहित सात लोग मारे गए थे और 11 लोग घायल हुए थे।अधिकारियों ने कहा कि ऐसी आशंका है कि आने वाले गणतंत्र दिवस पर देश विरोधी तत्व शांति को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं, ऐसे में वीडीजी को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। उनके अनुसार, वीडीजी को जम्मू के कई इलाकों में सक्रिय किया गया है और उन्हें नए हथियार तथा गोला बारूद मुहैया कराया गया है। धिकारियों ने कहा कि किश्तवाड़ जिले में एक सत्र में वीडीजी को अपने संबंधित क्षेत्रों में निगरानी और प्रभाव निश्चित करने का निर्देश दिया गया, तथा उन्हें यह काम विशेष पुलिस चौकियों के परामर्श और समन्वय में गश्त के माध्यम से करना है। गौरतलब है कि धांगरी गांव में हुए हमले के बाद से जम्मू कश्मीर प्रशासन ने वीडीजी को पुन: हथियार देने शुरू कर दिए हैं। इन्हें पहले गांव रक्षा समिति के नाम से जाना जाता था।अधिकारियों ने कहा कि राजौरी और पुंछ में अल्पसंख्यकों के स्थानों की सुरक्षा के लिए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है।अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र से आतंकवादियों और उनके मददगारों के सफाए के लिए सुरक्षा बलों ने किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों में लगातार दूसरे दिन तलाशी अभियान जारी रखा।उन्होंने कहा कि किश्तवाड़ और डोडा में कई इलाकों में घर-घर तलाशी ली गई।अधिकारियों ने कहा कि धांगरी हमले में शामिल आतंकवादियों को पकडऩे के लिए राजौरी जिले में पिछले सात दिनों से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।