जीएसटी काउंसिल की ओर से 1 जनवरी से फुटवियर और कपड़े पर जीएसटी को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के विरोध में दिल्ली के बाजार बंद हो सकते हैं। व्यापारी लगातार इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने एक महापंचायत का आयोजन किया जिसमें कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, साड़ी सूट, फुटवियर से जुड़े हुए 200 व्यापारी संगठनों ने हिस्सा लिया। इस संबंध में सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि महापंचायत में सभी व्यापारी संगठनों ने कपड़े और फुटवियर पर जीएसटी की दर को बढ़ाने का विरोध किया और केंद्र सरकार से इसे लागू नहीं करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस महापंचायत में चांदनी चौक मर्केंटाइल एसोसिएशन, गांधी नगर मार्केट, करोल बाग टैंक रोड़ के उपाध्यक्ष राजेश आहूजा, लाजपत नगर ने कहा कि अगले बुधवार तक कपड़े और फुटवियर के सभी बाजारों को बंद करने की रणनीति बन जाएगी। दिल्ली में कपड़े और फुटवियर की करीब डेढ़ लाख दुकानें हैं और करीब 20 हजार फैक्ट्रियां हैं। दिल्ली में चांदनी चौक, करोल बाग, गांधी नगर, लाजपत नगर, सरोजनी नगर, लक्ष्मी नगर, सीलमपुर, इंद्र लोक, रोहिणी, पीतमपुरा, राजोरी गार्डन, कमला नगर आदि कपड़े और फुटवियर के प्रमुख बाजार हैं ।
फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा कि कपड़ा गरीब आदमी भी पहनता है। इसपर जीएसटी बढ़ाने से सभी को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से जीएसटी आने तक कपड़ा टैक्स फ्री था जबकि 500 रुपए तक के फुटवियर भी टैक्स फ्री थे, लेकिन जब जीएसटी लागू किया गया तो कपड़े और फुटवियर पर 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया था और अब केन्द्र सरकार जले पर नमक छिडक़ते हुए इन दोनों पर जीएसटी बढ़ाकर 12 फीसदी करने जा रही है, इससे कपड़े और फुटवियर काफी महंगे हो जाएंगे और आम जनता को भी इसका बोझ उठाना पड़ेगा।