बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात हामून ने अब गंभीर चक्रवात का रूप ले लिया है और अब ये धीरे-धीरे उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ रहा है. चक्रवाती तूफान हामून आज दोपहर तक बांग्लादेश के खेपुपाड़ा और चटगांव के बीच तट से टकराने की आशंका है. हामून के असर को देखते हुए ओडिशा और तमिलनाडु में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. इसी बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि हामून तूफान का असर भारत में देखने को नहीं मिलेगा. इसी के साथ ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है.आईएमडी के मुताबिक, हामून उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में स्थिर रहा, लेकिन इससे पहले 6 घंटों के दौरान ये 18 किमी की गति से उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा था, लेकिन इसके बाद ये गंभीर चक्रवात में बदल गया. मौसम विभाग के मुताबिक, अभी यह और गंभीर रूप लेगा, उसके बाद इसकी गति कम होनी शुरू हो जाएगी. आज को इसके बांग्लादेश के तट से टकराने की संभावना है.उस दौरान इसकी स्थिति गंभीर दबाव के क्षेत्र जैसी हो जाएगी. जिसमें तेज हवाएं चलेंगी लेकिन इससे बहुत ज्यादा नुकसान का खतरा नहीं है. बता दें कि अभी चक्रवात से हवाओं की रफ्तार 65-70 से लेकर 85 किमी प्रति घंटे की बनी हुई है.हामून तूफान के असर के चलते ओडिशा में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. वहीं, तमिलनाडु के रामेश्वरम के पंबन बंदरगाह पर भी मछुआरों के लिए ‘तूफान चेतावनी पिंजरा संख्या 2’ लगाया गया. बता दें कि आमतौर पर, चक्रवात के समय, चक्रवात चेतावनी ‘तूफान चेतावनी पिंजरे’ की संख्या 1 से 11 तक होती है वहीं पिंजरा संख्या 2 चक्रवात आने की चेतावनी देता है. इसमें मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका जाता है. साथ ही बंदरगाहों में मौजूद जहाजों को बाहर ले जाने के लिए भी कहा जाता है.भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान हामून शाम 5.30 बजे ओडिशा के पारादीप बंदरगाह से 230 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, जबकि पश्चिम बंगाल के दीघा से 240 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और बांग्लादेश के खेपुपाड़ा से 280 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में स्थित था. जबकि ये चटगांव से 410 किमी दक्षिणपश्चिम में स्थित रहा. मौसम विभाग के मुताबिक, जब ये चक्रवात समुद्र से गुजरेगा तब ओडिशा के तट से करीब 200 किमी दूर रहेगा, इससे राज्य में इसका कोई गंभीर प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा.