नई दिल्ली- खाड़ी के देश संयुक्त अरब अमीरात में आज पीएम मोदी पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान की शुरुआत हो गई है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी दोपहर बाद मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इस मंदिर का निर्माण 27 एकड़ जमीन पर किया गया है. इस मुस्लिम देश में बने पहले मंदिर को लेकर भारतीय समुदाय में खुशी की लहर है. ये मंदिर भारतीय संस्कृति और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की पहचान का अनूठा मिश्रण है. इस मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बहता दिखाई देगा.संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बनाए गए इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस मंदिर की ऊंचाई 800 फीट है. बीएपीएस हिंदू मंदिर यूएई का पहला मंदिर है. इसके साथ ही ये मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है. इस मंदिर को बनाने में इस्तेमाल किए गए गुलाबी बलुआ पत्थर नक्काशी कर राजस्थान से अबू धाबी भेजे गए हैं.मंदिर में अग्रभाग के साथ-साथ सात शिखर बनाए गए हैं. जो गुलाबी बलुआ पत्थरों और संगमरमर से निर्मित हैं. अबू धाबी के पहले मंदिर का डिजाइन वैदिक वास्तुकला का शानदार उदाहरण है. मंदिर में स्थापित की गई कई मूर्तियां भारत के कारीगरों द्वारा बनाई गई हैं. भारत में ही नक्काशी के बाद उन्हें अबू धाबू भेजा गया है.बता दें कि ये मंदिर 27 एकड़ जमीन पर बना है. मंदिर को बनाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने ये जमीन बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) सोसायटी ने दान में दी है. उसके बाद इस विशाल हिंदू मंदिर का निर्माण किया गया है. मंगलवार को यूएई दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने भी इस मंदिर के निर्माण और जमीन को लेकर ‘अहलान मोदी’ में जिक्र किया. इस मंदिर के दोनों ओर गंगा-यमुना का पवित्र जल बह रहा है. जिसे कंटेनरों में भरकर भारत से अबू धाबी भेजा गया था.