देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार को एक विशेष आयोजन हुआ, जहां फलों के राजा आम की अनोखी महफिल सजी। कानपुर से बीजेपी सांसद रमेश अवस्थी द्वारा आयोजित इस आम महोत्सव में 300 से अधिक प्रकार के आमों का प्रदर्शन किया गया। इस भव्य आयोजन में मोदी सरकार के बड़े मंत्रियों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
महोत्सव में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने किसानों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित भी किया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गिरीराज सिंह, बीएल वर्मा, एस.पी. बघेल, भागीरथ चौधरी, जयंत चौधरी, रामदास अठावले, कमलेश पासवान, टोकन साहू, संजय सेठ, शोभा करंदलाजे, राजभूषण चौधरी, जितिन प्रसाद और शांतनु ठाकुर भी इस महोत्सव में उपस्थित रहे।
महोत्सव में शामिल हुए अन्य प्रमुख नेता और हस्तियां
बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, दिग्विजय सिंह, शशि थरूर, फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत, राजीव शुक्ला, दिल्ली हाईकोर्ट के एएसजी चेतन शर्मा, फिल्म अभिनेता शक्ति कपूर, फिल्म प्रोड्यूसर अनुराग मल्हान, फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री और मास्टर शेफ कुणाल कपूर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
रमेश अवस्थी का विशेष स्वागत
रमेश अवस्थी ने महोत्सव में पहुंचे सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए उन्हें आम का पौधा भेंट किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्यावरण संरक्षण की अपील का समर्थन करते हुए सभी को अपनी मां के नाम एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया।
आम की विविधता और आकर्षण
महोत्सव में दशहरी, अल्फांसो, आम्रपाली, बॉम्बे ग्रीन, बादामी, चौसा, चितूर, रूमानी, महाराजा पसंद, चिन्नारसम, दुधिया मालदा, फजरी कलां, फर्नांडियन, हुसननारा, गुलाबखास, हिमायत, किशन भोग, कोमंगा, गिर केसर, लालबाग, लंगड़ा बनारसी, नीलम, तोतापुरी और वनराज सहित 300 से ज्यादा प्रजातियों के आम प्रदर्शित किए गए। अपने आकार, रंग और खुशबू की वजह से ‘मोदी’ आम और बुलडोजर आम सभी मेहमानों के बीच सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र रहे।
महोत्सव का उद्देश्य
भारत आम महोत्सव का उद्देश्य दुनिया भर में आम की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना और आम उत्पादक किसानों को नई तकनीक, स्टोरेज और आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह महोत्सव न केवल भारतीय आमों की विविधता को प्रदर्शित करता है, बल्कि किसानों के मनोबल को भी बढ़ाता है और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में सहायक होता है।